Saturday, 20 April 2024  |   जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं
आपका स्वागत [लॉग इन ] / [पंजीकरण]   
 

युग सृष्टा ऋषि दयानन्द सरस्वती

डा जयसिंह आर्य , Aug 11, 2017, 7:03 am IST
Keywords: Dr Jaysingh Arya   Hindi Ghazal   Hindi kavita   Hindi poem   Hindi Geet   Hindi Geet audio   डा जयसिंह आर्य   हिंदी गजल   हिंदी कविता   हिंदी ग़ज़ल संग्रह   हिंदी गजल   दयानन्द सरस्वती   डा जयसिंह आर्य के गीत   राष्ट्रभक्ति हिंदी कविता   देशभक्ति के गीत   देशभक्ति कविताएं  
फ़ॉन्ट साइज :



युग सृष्टा ऋषि दयानन्द सरस्वती नई दिल्लीः 'जनता जनार्दन' ने ऑडियो के साथ संधान का जो प्रयोग शुरू किया है उसकी सफलता को देखते हुए हम लगातार अध्यात्म के साथ ही समाज और साहित्य के चर्चित लोगों के कृतित्व को यहां प्रस्तुत कर रहे हैं.

लेखन के साथ-साथ उसका ऑडियो स्वरूप प्रस्तुत करने का यह अभिनव प्रयोग जारी है.

इसी क्रम में डा जयसिंह आर्य की कविता, गीत और मुक्तक  की प्रस्तुतियां भी हम प्रस्तुत करते हैं. इस प्रस्तुति की खासियत है कि गजलकार/ गीतकार यहां अपनी ही आवाज के साथ अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर रहे हैं.

प्रस्तुत है डॉ आर्य द्वारा रचित कविता उन्हीं की आवाज में सस्वर पाठ के साथ. ये रचना देशभक्ति के रस में डूबी हुई है, और इसमें एक नए भारत के निर्माण का संदेश गूंजता है. आशा है सुधीजन जरूर आनंद उठायेंगे.
****

युग सृष्टा ऋषि दयानन्द सरस्वती

फिर से वेद की ज्योति जलाने, ऋषि दयानन्द आये थे

और तिमिर अज्ञान मिटाने ऋषि दयानन्द आये थे
*


पाखण्डों की आग में झुलसा भारत का जन-गण-मन था

आँख के आँसू,पाँव की जूती जैसा अबला जीवन था

       नारी को सम्मान दिलाने ऋषि दयानन्द आये थे

       और तिमिर अज्ञान मिटाने ऋषि दयानन्द आये थे
*


युग सृष्टा बनकर भारत का हिन्दी को सम्मान दिया

भारत माँ का कर्ज़  चुकाने को निज जीवन दान दिया

        आज़ादी का अर्थ बताने ऋषि दयानन्द आये थे

          और तिमिर अज्ञान मिटाने ऋषि दयानन्द आये थे
*

क्षमा,अहिंसा, दया, प्रेम का ऋषिवर ने उदघोष किया

कभी नहीं बुझने वाला है उनके सदयत्नों का दिया

          मनुज-मनुज को आर्य बनाने ऋषि दयानन्द आये थे

            और तिमिर अज्ञान मिटाने ऋषि दयानन्द आये थे
*

  उनके दर्शाये पथ पर ही चलना कर्म हमारा हो

वेद के पथ पर आगे बढ़ते जाना धर्म हमारा हो

         हम सबको ये पाठ पढ़ाने ऋषि दयानन्द आये थे

           और तिमिर अज्ञान मिटाने ऋषि दयानन्द आये थे

डा. जयसिंह आर्य -गीतकार