Jun 02, 2017, 19:00 pm by :
जनता जनार्दन संवाददाता
धर्म मनुष्यता का बोध है, वैश्विक चेतना का विस्तार है। जब कामायनी में मनु महाराज के अवतरण के बाद उन्हें जीवन का उद्देश्य बताया गया, तो प्रसाद लिखते हैं- औरों को हँसते देखो मनु, हंसो और सुख पाओ/ अप
May 29, 2017, 17:06 pm by :
जनता जनार्दन संवाददाता
पिछली कड़ी में हमने हिंदी के युवा और बहुचर्चित आलोचक अनंत विजय के लेख 'हिंदी में मिथकों से परहेज क्यों?' का संदर्भ देते हुए व्हाट्सएप के लब्धप्रतिष्ठित 'साहित्य' समूह में चली का जिक्र क
May 22, 2017, 18:22 pm by :
जनता जनार्दन संवाददाता
साहित्य जगत में इन दिनों अमिष त्रिपाठी की किताब 'सीता, द वॉरियर ऑफ मिथिला', को लेकर उत्सुकता का माहौल है। सोशल मीडिया पर भी इस किताब को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। पहले केंद्रीय मंत्री स्मृ
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