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दस्तावेजों में सिमटी दिल्ली निर्माण की कथा

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 16, 2012, 16:34 pm IST
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फ़ॉन्ट साइज :
दस्तावेजों में सिमटी दिल्ली निर्माण की कथा नई दिल्ली: जब किंग जार्ज पंचम ने वर्ष 1911 में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की तो ऐतिहासिक शहर होने का तमगा उतारकर यह महानगर बन गया।

आधुनिक दिल्ली के निर्माण के लिए कई परियोजनाओं, भव्य भवनों और आधारभूत संरचना की जरूरत थी। इसमें विभिन्न एजेंसियों, कलाकारों और फोटोग्राफरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने कैमरे एवं स्केच बुक्स में इसे समेटा।

राजधानी के निर्माण से सम्बंधित कई शुरुआती परियोजनाएं एवं फोटोग्राफ केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के संग्रहालय में रखे गए हैं। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) और अलकाजई फाउंडेशन ने ऐसे सैकड़ों दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई है।

'डॉन अपॉन दिल्ली : राइज ऑफ अ कैपिटल' शीर्षक नाम से इस प्रदर्शनी का अयोजन एनजीएमए में ही किया गया है और यह सोमवार से चल रही है। इसमें 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से अब तक की दिल्ली को लोगों के सामने लाया गया है। इसमें 250 से अधिक दुर्लभ दस्तावेज लगाए गए हैं।

इनमें नक्काशीदार चित्र, मानचित्र, योजनाएं तथा राजधानी की आधुनिक तस्वीरें भी हैं। साथ ही अंग्रेजों की मजबूत पकड़ वाले बम्बई (अब मुम्बई) एवं कलकत्ता (अब कोलकाता) से सम्बंधित दस्तावेज भी हैं।

इस प्रदर्शनी के निरीक्षक एवं अल्काजी फाउंडेशन के रहाब अल्लाना ने कहा, "यह संग्रहालय नक्शों एवं फोटोग्राफ का छिपा हुआ खजाना है, जो अभी तक किसी के सामने नहीं आया था। प्रदर्शनी के लिए हमने इसे खोज निकाला। इसमें से अधिकतर नष्टप्राय अवस्था में हैं। इनके संरक्षण की आवश्यकता है।"

प्रदर्शनी में लगाए गए कुछ फोटोग्राफ अल्काजी के संकलन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण तथा फोटोग्राफर डी. एन. चौधुरी व हबीब रहमान के निजी संग्रहालयों से भी लिए गए हैं।

अल्लाना ने कहा कि दिल्ली दरबार का आयोजन वर्ष 1877, 1903 और 1911 में किया गया था। दरबार और इसमें शामिल होने वालों की झलक प्रदर्शनी में लगाई गई 19वीं व 20वीं सदी के फोटोग्राफरों वर्नान एंड कम्पनी, जांस्टन एंड हॉफमैन, बॉर्न एवं शेपर्ड एवं राजा दीनदयाल एंड संस द्वारा ली गई तस्वीरों और मार्टिमर मेन्पीस जैसे कलाकारों की कृतियों के जरिये देखी जा सकती है।

अल्लाना ने कहा, "हमने राजधानी के उद्भव के संदर्भ में इसकी ऐतिहासिकता को दिखाने का प्रयास किया है। इसमें तुगलकाबाद, सिरी, कुतुब परिसर सहित सात प्राचीन शहरों को दिखाया है, जिनसे मिलकर दिल्ली बनी।"
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