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नाम में कितना दम, चुनाव में देखेंगे हम?

नाम में कितना दम, चुनाव में देखेंगे हम?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की हमनाम उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर लखीमपुर खीरी के श्रीनगर सुरक्षित क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं। मुख्यमंत्री मायावती और लखीमपुर खीरी के इस क्षेत्र से खड़ी कांग्रेस की उम्मीदवार में सिर्फ नाम को छोड़कर कोई दूसरी समानता नहीं है।

हालांकि कांग्रेस की मायावती का कहना है कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री का हमनाम होने के नाते ही उन्हें कुछ फायदा मिल जाए।

विधानसभा या लोकसभा चुनाव में मिलते - जुलते नाम महत्व रखते हैं। बड़े नेताओं के नाम वाले उम्मीदवार हर चुनाव में महसूस करते हैं कि हो सकता है कि बड़े नेता का नाम उनकी नैया पार लगा दे।

हर विधानसभा चुनाव में लोकप्रिय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के मिलते - जुलते नामों से कुछ उम्मीदवार खड़े होते हैं और वह बड़े नेताओं के हमनाम होने का फायदा उठाते हुए जीत की उम्मीद भी रखते हैं।

पाकिस्तान के पूर्व शासक जुल्फिकार अली भु्ट्टो की मौत भले ही 35 साल पहले हो गई हो , लेकिन उनके नाम से मिलते - जुलते उम्मीदवार जुल्फिकार अहमद भुट्टो को बीएसपी ने आगरा ( दक्षिण ) से टिकट दिया है।

इसी तरह बीएसपी ने पाकिस्तान के एक फौजी शासक जिया - उल - हक से मिलते - जुलते नाम वाले उम्मीदवार जिया - उल - रहमान को अलीगढ़ के कोल विधानसभा सीट से टिकट दिया है।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के हमनाम उम्मीदवार को कांग्रेस ने बहराइच सीट से उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह एसपी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव इटावा की जसवंत नगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं , जबकि उनके हमनाम उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर उन्नाव से चुनाव मैदान में हैं।

सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र के ही बड़े उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं है , गजल गायक तलत अजीज से मिलता - जुलते नाम की गूंज भी चुनाव मैदान में सुनाई दे रही है। महाराजगंज के पनियारा विधानसभा क्षेत्र में गजल गायक के नाम से मिलती - जुलती महिला उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

लोकप्रिय अभिनेता सलमान और शाहरुख खान के नाम वाले कई उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पुराने अभिनेताओं के नाम भी चुनाव मैदान में धूम मचा रहे हैं। ब्लैक और वाइट फिल्मों के अभिनेता भारत भूषण के हमनाम उम्मीदवार बीएसपी के टिकट पर रामपुर से किस्मत आजमा रहे हैं।

इसी तरह चिंतक और विचारक भी मैदान में खम ठोंकते दिखाई दे रहे हैं। इस बार चुनावी जंग में विवेकानंद भी हैं। वह एनसीपी के टिकट पर कुशीनगर के हाता विधानसभा क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

यूपी की चुनावी जंग में शिक्षाविदों के नाम का बहुत से लोगों ने सहारा लिया है। कांग्रेस की शकुंतला देवी कामगंज विधानसभा सीट से इसी नाम की प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ की लोगों को याद दिला रही है।

2007 के विधानसभा चुनाव में इटावा के बीएसपी विधायक भीमराव आंबेडकर लखाना ने अपने नाम का सहारा लेकर लोगों में काफी उत्सुकता जगाई थी। इस चुनाव में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इस लॉ ग्रेजुएट को परिसीमन के पेंच के कारण अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़ना पड़ा।

बीएसपी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में इटावा से महेंद्र सिंह राजपूत को टिकट दिया है। हमनाम उम्मीदवारों के अलावा यूपी की चुनावी जंग में अनोखे नाम वाले कई उम्मीदवारों के नाम भी सुनाई दे रहे हैं।

' दबंग ' फिल्म के हीरो सलमान खान के करैक्टर चुलबुल पांडेय के नाम से मिलते - जुलते उम्मीदवार कलक्टर पांडेय को बीएसपी ने इलाहाबाद के मेजा विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है , लेकिन अब उनको यह साबित करना पड़ेगा कि क्या वह चुलबुल पांडेय की टक्कर में आधे भी लोकप्रिय हैं या नहीं ? सैदपुर में बीएसपी ने अमेरिका राम नाम के प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया है।

फैजाबाद के मिल्कीपुर विधानसभा सीट से बीएसपी के उम्मीदवार मस्त राम को भी यह साबित करना होगा कि क्या उनके लिए चुनाव जीतना इतना आसान है , जैसा कि उनके नाम से इशारा मिलता है।
 

 
 
 

 
 
 

 
 

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