मुखबिर करेंगे लिंग निर्धारण जांच की निगरानी
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 04, 2012, 12:43 pm IST
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जयपुर: राज्य की चिंताजनक लिंगानुपात से सजग हुई राजस्थान सरकार अब लिंग निर्धारण जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों पर नजर रखने के लिए पेशेवर मुखबिरों का एक नेटवर्क तैयार कर रही है। सरकार प्रत्येक सुराग पर मुखबिर को 25000 रुपये देगी। इसके अलावा न्यायालय में अपराध यदि साबित हो जाता है तो मुखबिर को अलग से 25000 रुपये दिए जाएंगे। इसके पहले लिंग निर्धारण जांच करने वाले क्लीनिक के बारे में सूचना देने वाले व्यक्ति को सरकार पांच हजार रुपये देती थी। ज्ञात हो कि जनगणना 2011 के मुताबिक राज्य में शून्य से छह साल के 1000 लड़कों पर 883 लड़कियों का अनुपात था जबकि वर्ष 2001 में शिशु लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 909 लड़कियों का रहा। इसके अलावा सरकार स्वास्थ्य विभाग की निरीक्षण टीमों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया में है। ये टीमें अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों के रिकॉर्ड की जांच करने के साथ ही शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करती हैं। चौधरी ने आरोप लगाया कि लिंग निर्धारण जांच के बाद राजस्थान में प्रत्येक दिन करीब 300 महिला भ्रूण का गर्भपात कराया जाता है। |
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