भारत बंद आज, विपक्ष एकजुट, रालोद खामोश
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 01, 2011, 11:22 am IST
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लखनऊ: खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश को इजाजत दिये जाने के मुद्दे पर गुरुवार को प्रस्तावित व्यापार मंडल के भारत बंद को लेकर विपक्षी दलों के आपसी रार के बावजूद एक प्लेटफार्म पर आने से केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है।
बसपा ने बंद का समर्थन कर और सपा ने स्वयं प्रदेश बंद का एलान कर सियासी माहौल को गर्म कर दिया है केवल रालोद ही इस मसले पर चुप्पी साधे है। बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को पार्टी पदाधिकारियों से खुदरा व्यापार में विदेशी पूंजी निवेश के फैसले का हर स्तर पर विरोध करने को कहा। भारत बंद का समर्थन करते हुए जनजागरण अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के इस फैसले से लाखों छोटे दुकानदार व कारखाना मालिक बर्बाद हो जाएंगे। किसानों व मजदूरों की रोटी रोजी प्रभावित होगी। विदेशी कम्पनियों के आने से भारत की अर्थ व्यवस्था विदेशियों के कब्जे में चली जायेगी। करोड़ों लोगों के भविष्य व कारोबार को ध्यान में रखते हुए ही बसपा ने संसद से सड़क तक विरोध करने का फैसला किया है। सपा नेता एवं नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में एलान किया कि विदेशी पूंजी निवेश पर संसद में केंद्र सरकार का विरोध करने के साथ ही उनकी पार्टी सड़क पर भी संघर्ष करेगी। गुरुवार को प्रदेश बंद के दौरान कार्यकर्ता जगह-जगह जुलूस निकालेंगे। जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया जायेगा। यादव ने कहा कि सपा के प्रदेश बंद का अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों के 'भारत बंद' से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत बंद को सपा का समर्थन नहीं है बल्कि प्रदेश बंद सपा का अपना अलग कार्यक्रम है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री वालमार्ट जैसी कंपनियों को प्रदेश में प्रवेश न करने देने की झूठी घोषणा कर रही है। लखनऊ, मेरठ और आगरा में तो इन कंपनियों ने पहले से ही अपने स्टोर खोल रखे हैं। अब इन्हें अपना विस्तार करना है। मुख्यमंत्री का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हुआ है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने व्यापार मंडल के भारत बंद को देश हित में बताते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की यूपीए सरकार राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था को चौपट करने में लगी है। खुदरा व्यापार में विदेशी पूंजी निवेश के दूरगामी दुष्परिणामों को जानते हुए भी कांग्रेस निहित स्वार्थो की पूर्ति के लिए करोड़ों लोगों को बर्बाद करना चाहती है। भाजपा किसी सूरत में केंद्र की मनमानी नहीं चलने देगी। शाही ने सपा और बसपा के विरोध को धोखा करार देते हुए कहा कि समर्थन से चल रही यूपीए सरकार के गुनाहों में दोनों पार्टियां बराबर की भागीदारी है। एफडीआइ के मुद्दे को लेकर रालोद खामोशी अख्तियार किए है। प्रदेश अध्यक्ष हरदेव सिंह बाबा का कहना है कि पूंजी निवेश के सभी पहलुओं पर सार्थक बहस के बाद ही किसी बड़े आंदोलन फैसला लिया जाना चाहिए। भारत बंद पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए बाबा ने कहा कि कृषि उत्पादकों व उपभोक्ताओं के हितों पर ध्यान में रखे बगैर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। भारत बंद की पैरोकारी करते हुए जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश निरंजन ने कहा कि विदेशी निवेश को खुदरा व्यापार में इजाजत से गरीबों व किसानों का सर्वाधिक नुकसान होगा। |
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