भारत में घुसपैठ से वालमार्ट गदगद

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 25, 2011, 13:10 pm IST
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भारत में घुसपैठ से वालमार्ट गदगद न्यूयॉर्क: रोजमर्रा के सामान बेचने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वालमार्ट ने खुदरा बहु-ब्रांड क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के भारत के फैसले को महत्वपूर्ण कदम बताया है। कंपनी ने कहा है कि वह भारत में कारोबार करने की अपनी क्षमता का आकलन करने के लिये रिपोर्ट का विस्तार से अध्ययन करेगी।

वालमार्ट ने कहा कि हम भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं जिसने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के मामले में हमारे जैसे विदेशी खुदरा दुकान चलाने वालों की अहमियत को समझा। वालमार्ट, कारफोर तथा टेसको जैसी वैश्विक खुदरा कंपनियां 1.2 अरब की आबादी वाले आकर्षक भारतीय बाजार में खुदरा क्षेत्र को खोले जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

भारती वालमार्ट के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज जैन ने ईमेल के जरिये दिये बयान में कहा, हमारा मानना है कि बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति पहला महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन हमें नई नीति के पूरे ब्योरे तथा शर्तों के साथ उसके प्रभाव का अध्ययन करने की जरूरत है। उसके आधार पर ही हम भारत में कारोबार करने की अपनी क्षमता का आकलन कर पाएंगे।

भारती-वालमार्ट अमेरिका की वालमार्ट तथा भारत की भारती इंटप्राइजेज के बीच संयुक्त उद्यम है।
राज जैन ने कहा कि हम भंडारण, शीतगृह जैसे ढांचागत क्षेत्र में निवेश करने को तैयार है। इससे न केवल कृषि उत्पादों की बर्बादी रोकी जा सकेगी, बल्कि किसानों की स्थिति में भी सुधार होगा और आपूर्ति बाधा के कारण होने वाली मुद्रास्फीति कम होगी।

सरकार ने गुरुवार को बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी और एकल ब्रांड में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा समाप्त करने का निर्णय किया।   अबतक केवल एकल ब्रांड में 51 प्रतिशत तथा थोक क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी।
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