चीन से मजबूत रिश्ता चाहता है भारत
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 18, 2011, 12:57 pm IST
Keywords: Prime Minister Manmohan Singh Wen Jiabao South China Sea ASEAN East Asia Summit प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वेन जियाबाओ दक्षिण चीन सागर आसियान पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन
बाली: दक्षिण चीन सागर में संसाधनों के दोहन को लेकर भारत और चीन के बीच चले वाकयुद्ध के कुछ सप्ताह बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेन जियाबाओ ने शुक्रवार को यहां मुलाकात की। उन्होंने आपसी लाभ के लिए मिलकर काम करने के लिहाज से पर्याप्त अवसर और क्षेत्रों के मद्देनजर एक साथ काम करने की जरूरत पर सहमति जताई।
सिंह ने वेन से कहा कि भारत चीन के साथ सर्वश्रेष्ठ रिश्ते विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं वेन ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एकजुट होकर काम करना चाहिए, ताकि 21वीं सदी एशिया की हो। दोनों नेताओं की मुलाकात आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर हुई। सिंह ने वेन से कहा कि हम पड़ोसी हैं और एशिया की बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी हैं। हमें द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग प्रदान करना चाहिए। सिंह ने यह भी कहा कि जब भी भारत और चीन ने जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम किया है इसका वैश्विक स्तर पर सकारात्मक असर हुआ है। चीन के साथ सहयोगात्मक साझेदारी की बात करते हुए सिंह ने वेन को याद दिलाया कि उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के पास विकास के लिए दुनिया में पर्याप्त अवसर हैं। इस पर वेन ने कहा कि ऐसे पर्याप्त क्षेत्र हैं जिनमें भारत और चीन सहयोग बढ़ा सकते हैं। पिछले साल दिसंबर में वेन की भारत यात्रा को याद करते हुए सिंह ने कहा कि यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों के लिए मील का पत्थर रही थी, जिसमें दोनों पक्षों ने नए विषयों और संबंधों में नई पहलों पर विचार विमर्श किया। चीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की होनी चाहिए जिसका वह अकसर जिक्र करते हैं। उन्होंने इस बयान का जिक्र करते हुए कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दुनिया के सर्वाधिक जनसंख्या वाले दोनों देशों का विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि दुनिया में इस तरह का दिन आएगा। सिंह ने कहा कि दोनों नेता पिछले छह साल से सभी आसियान शिखरवार्ताओं से इतर मुलाकात करते रहे हैं। उन्होंने वेन से कहा कि वह हर मौके पर चीनी प्रधानमंत्री से बातचीत करके लाभान्वित हुए हैं। इससे पहले सिंह से एक बार फिर मुलाकात पर खुशी जताते हुए वेन ने कहा कि आपसी हितों के प्रमुख मुद्दों पर विचारों के आदान प्रदान के लिए यहा मुलाकात का उनका फैसला दिखाता है कि भारत और चीन के नेता मित्रवत संबंधों और सहयोग को कितना महत्व देते हैं। दोनों की मुलाकात भारत और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर में संसाधनों पर चल रहे वाकयुद्ध की पृष्ठभूमि में हुई है। पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करने वाले चीन ने वियतनाम के प्रस्ताव पर समुद्री क्षेत्र में तेल खोजने के कदम को लेकर सितंबर में भारत पर खुलकर हमला बोला था जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसी श्रृंखला में चीनी नौसेना ने उस क्षेत्र में भारतीय नौसैनिक पोत आईएनएस ऐरावत को भी धमकाया था। भारतीय सरकार का कहना है कि यह बात स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं है कि समुद्री क्षेत्र पूरी तरह चीन का है, इसलिए वहा सागर से जुड़े कानून ही प्रभावी होंगे। |
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