पाक में हो सकता है तख्तापलट
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Nov 17, 2011, 15:45 pm IST
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इस्लामाबाद: अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने इस्तीफे की पेशकश की है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सैन्य तख्तापलट के अंदेशे से ओबामा प्रशासन को गुप्त ज्ञापन भेजा था जिसमें हक्कानी की भी कथित भूमिका थी। कहा जाता है कि जरदारी ने सैन्य कार्रवाई को टालने के लिए ओबामा प्रशासन को यह ज्ञापन भेजा था।
अमेरिका में पाक उद्योगपति मंसूर एजाज द्वारा अमेरिका के तत्कालीन सेना प्रमुख माइक मुलैन को भेजे कथित पत्र से उपजे विवाद को खत्म करने के लिये हक्कानी ने राष्ट्रपति जरदारी को इस्तीफे की पेशकश करते हुये पत्र भेजा है। उनका कहना है कि उन्होंने इस कथित ज्ञापन का प्रारूप तैयार करने या भेजने में कोई भूमिका नहीं निभाई है। हक्कानी ने बताया कि उन्होंने जरदारी को पत्र में लिखा है, न ही आपके या पाक सरकार में किसी के द्वारा मुझे ऐसा ज्ञापन तैयार करने के लिये कहा गया था और न ही मैंने ऐसा कोई ज्ञापन किसी को भेजा है। हक्कानी ने यह भी लिखा है कि वह सिर्फ पाक सरकार में सेना के हस्तक्षेप के विरोधी रहे हैं पर फिर भी उन्हें सेना का विरोधी बोलकर बदनाम किया जाता है। हक्कानी ने कहा कि वह सिर्फ राष्ट्रहित में इस्तीफे की पेशकश कर रहें हैं और इसकी स्वीकृति अब राष्ट्रपति पर ही निर्भर करती है। हाल ही में पाक सरकार द्वारा उनको इस मामले पर चर्चा करने के लिये पाक बुलाने का फैसला लिया गया है जिसके जवाब में उन्होंने यह कदम उठाया है। बुधवार को पाक प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी ने पाक की नेशनल एसेंबली में कहा था, चाहे वह राजदूत हों या न हों उन्हें इस्लामाबाद आकर अपनी बात रखनी होगी। अमेरिका के सेना प्रमुख मुलेन ने तब इस विवाद को नया मोड़ दे दिया जब उन्होंने ऐसे किसी ज्ञापन के होने की पुष्टि की। इससे पहले उन्होंने ऐसे किसी पत्र या ज्ञापन को लेकर अनभिज्ञता जताई थी। मुलेन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि मुलेन को याद है कि एजाज द्वारा एक ज्ञापन भेजा गया था। लेकिन उन्होंने इस पर न ही ध्यान दिया और न ही कोई कार्रवाई की। किर्बी ने बताया कि ज्ञापन में बताये गये अंदेशों पर मुलेन को विश्वास नहीं था इसलिये उन्होंने न ही इस पर ध्यान दिया और न ही किसी से कोई चर्चा की। इस ज्ञापन का खुलासा तब हुआ था जब उद्योगपति एजाज ने फाइनेंशियल टाइम्स में एक लेख के माध्यम से बताया था कि जरदारी ने सैन्य तख्तापलट के अंदेशे के कारण ओबामा प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की थी। एजाज ने लिखा था कि इस ज्ञापन को तैयार करने के लिये उन्हें जरदारी के करीबी माने जाने वाले एक शीर्ष अधिकारी ने निर्देश दिये थे। मीडिया रिपोर्टों में यह अनुमान लगाया गया कि जरदारी का यह करीबी अधिकारी हुसैन हक्कानी ही थे। हक्कानी के हमेशा से ही पाक सेना और खुफिया एजेंसी से खराब संबंध रहें हैं। एजाज के इन दावों के बाद पाक सरकार ने ऐसे किसी भी ज्ञापन की बात से इनकार किया था। इसके जवाब में एजाज ने मोबाइल फोन और ईमेल के ब्यौरे को मीडिया के सामने पेश कर दिया। उन्होंने दावा किया कि ऐसा एक ज्ञापन था जिसे एक शीर्ष पाक अधिकारी द्वारा मुलेन को सौंपा गया। |
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