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डल झील से जुड़े रहेंगें शम्मी

डल झील से जुड़े रहेंगें शम्मी

मुम्बई/श्रीनगर: बीते दौर के प्रख्यात अभिनेता शम्मी कपूर की अस्थियां जम्मू एवं कश्मीर की डल झील में प्रवाहित कर दी गईं हैं। इसी डल झील में तैरते शिकारे पर उनका गीत 'तारीफ करूं क्या उसकी' फिल्माया गया था।

उनकी 'कश्मीर की कली' और 'जंगली' जैसी फिल्में कश्मीर के बर्फ से ढके पहाड़ों में ही फिल्माई गई थीं। अब अपनी मौत के बाद वह हमेशा के लिए यहां का हिस्सा बन गए हैं।

शम्मी का गत 14 अगस्त को निधन हो गया था। उनके बेटे आदित्य राज कपूर ने शुक्रवार को उनकी अस्थियां डल झील में प्रवाहित कीं।

आदित्य राज अपनी बहन कंचन व शबाना आजमी, विनोद खन्ना, आशा पारिख, शर्मिला टेगौर, अमिताभ बच्चन, पूनम ढिल्लन और टीना अम्बानी जैसे कलाकारों के साथ कश्मीर पहुंचे थे।

आदित्य राज ने फोन पर मीडिया को बताया, "हां, हमने डल झील में अस्थियां प्रवाहित की हैं।"

आदित्य राज अन्य कलाकारों के साथ शुक्रवार सुबह यहां से श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे।

शम्मी को कश्मीर के स्थानीय निवासी बखूबी जानते हैं, वह यहां के घर-घर में मशहूर हैं। इसीलिए उनके परिवार और दोस्तों को उनके अस्थि विसर्जन के लिए डल झील ही सबसे बेहतर लगी।

एक 56 वर्षीय शिकारा मालिक जहूर अहमद ने बताया, "उन्हें डल झील पसंद थी। उनकी अस्थियां उनके सपनों की झील में प्रवाहित की गई हैं इसलिए उनकी आत्मा को यहां निश्चित रूप से शांति मिलेगी।"

नब्बे के दशक की शुरुआत से कश्मीर में हिंसा की घटनाएं शुरू होने के बाद से यह पहला अवसर है जब इतनी संख्या में बॉलीवुड कलाकार एकसाथ घाटी पहुंचे।

झील की देखभाल करने वाले ओबेराय होटल को अब ललित पैलेस होटल ने खरीद लिया है, जो इस साल अपना शताब्दी महोत्सव मना रहा है।

शम्मी हमेशा इस होटल के एक विशेष कमरे में ही ठहरते थे और रोज सुबह घाटी के लोग उनकी एक झलक देखने के लिए इकट्ठे होते थे।

स्थानीय ट्रैवल ऑपरेटर अब्दुल हामिद ने कहा, "हम कश्मीर के साथ शम्मी जी का रिश्ता जिंदा रहने की उम्मीद करते हैं। उनका परिवार और मित्र बॉलीवुड को कश्मीर की ओर उसी प्यार और लगाव के साथ लौटने के लिए मनाएंगे जो प्यार और लगाव शम्मी जी को यहां से था।"


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