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गणेश चतुर्थी समारोह का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 30, 2022, 17:38 pm IST
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गणेश चतुर्थी समारोह का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

बेंगलुरु के ईदगाह मामले पर अब नई बेंच सुनवाई कर रही है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को चीफ जस्टिस की बेंच को भेजा था. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा जाए क्योंकि इस मामले की सुनवाई करने वाले दोनों जजों के बीच सहमति नहीं है.इसके बाद वकीलों ने भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललिता की बेंच के सामने मामले को मेंशन किया. मामले की सुनवाई जारी है. मामले की सुनवाई के लिए सीजेआई यूयू ललित ने तीन जजों की बेंच का गठन किया है, जिसमें जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस AS ओक और जस्टिस सुंदरेश शामिल हैं.

 

कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति दी गई थी. मुस्लिम निकाय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि क्षेत्र में अनावश्यक धार्मिक तनाव पैदा किया जा रहा है. पिछले हफ्ते, कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह आयोजित करने की अनुमति दी थी. 

हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार त्योहार को धरातल पर अनुमति देने के लिए फैसला ले सकती है. राज्य सरकार की ओर से यथास्थिति बनाए रखने के 25 अगस्त के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली अपील दायर करने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया. हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में संशोधन किया. कोर्ट ने राज्य सरकार को 31 अगस्त से सीमित अवधि के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जमीन के इस्तेमाल की मांग करने वाले आवेदनों पर विचार करने का निर्देश दिया. 

दूसरी ओर, कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) ने ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया है. महापौर इरेश अचंतगेरी ने कहा, 'सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी. इसे उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे.' गौरतलब है कि नगर निगम ने यह फैसला कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद लिया है.

अधिकाारियों ने बताया कि एक विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मुस्लिम समुदाय को इस मैदान में साल में केवल दो बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाती है और नगर निगम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वहां राष्ट्र ध्वज फहराता है.

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