दूसरे देशों को अपनी सरकारी कंपनियां बेचने को मजबूर पाकिस्तान

जनता जनार्दन संवाददाता , Jul 28, 2022, 17:38 pm IST
Keywords: Pakistan Crisis   Pakistan economic crisis   पाकिस्तान   Pakistan to sell government assets   आर्थिक संकट  
फ़ॉन्ट साइज :
दूसरे देशों को अपनी सरकारी कंपनियां बेचने को मजबूर पाकिस्तान पाकिस्तान में आर्थिक संकट कोई नया नहीं है और पूर्व की इमरान खान सरकार से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को देश को पटरी पर लाने के लिए कई तरह की मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है. पाकिस्तान नकदी की कमी से जूझ रहा है और वहां पर महंगाई आसमान छू रही है. अब इससे निजात पाने के लिए पड़ोसी मुल्क ने अपनी सरकारी कंपनियों को बेचने का प्लान बनाया है. पाकिस्तान सरकार मित्र देशों की सरकारों के साथ सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं (State owned enterprises) के शेयरों की बिक्री को तैयार हो गया है. इसके लिए बाकयदा देश के कानूनों में संशोधन होगा ताकि आईएमएफ के 4 बिलियन अमेरीकी डॉलर के कर्ज को चुकाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें. 

देश के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने बुधवार को राज्य के स्वामित्व वाली संस्थाओं (एसओई) कॉरपोरेट गवर्नेंस पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए इस बात का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इंपोर्ट पर प्रतिबंध कुछ हफ्तों में हटा लिया जाएंगे और इसके जरिए इस वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कर्ज के अंतर को पाटा जा सकेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि कंपनियों के शेयरों की बिक्री इस शर्त पर की जाएगी कि बाद में पाकिस्तान इन्हें वापस खरीद सके. डॉन अखबार के मुताबिक मंत्री ने यह भी बताया कि आईएमएफ की ओर से अगस्त में फंड की पहले किस्त आसानी से मिल जाएगी.

पाकिस्तान की कैबिनेट ने अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन अधिनियम 2022 को मंजूरी दी है ताकि कंपनियों की बिक्री का रास्ता साफ हो सके. मंत्री ने इस कानून का नाम लिए बगैर कहा कि यह जरूरी कदम था क्योंकि मौजूदा निजीकरण कानून सरकार-से-सरकार (G2G) के आधार पर इस तरह के वाणिज्यिक लेनदेन की इजाजत नहीं देता है. कैबिनेट बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कैबिनेट ने कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से पेश वाणिज्यिक लेनदेन अधिनियम 2022 को मंजूरी दे दी और इसे संसद की संबंधित स्थायी समिति को भेज दिया गया है.

कैबिनेट को बताया गया कि यह कानून विदेशी निवेशकों में भरोसा दिलाएगा और विकास समझौतों में G2G आधार पर विदेशी निवेश बढ़ाने का काम भी करेगा. मंत्री ने अपने संबोधन में आईएमएफ के साथ पूर्व में किए गए कामों के बारे में भी बात की और कहा कि सरकार कुछ हफ्तों में आयात पर प्रतिबंध हटा देगी क्योंकि इससे लोगों के लिए मुश्किलें पैदा हुई हैं.  इस्माइल ने कहा कि हम सिर्फ इन कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं और यह उनका बहुत छोटा हिस्सा होगा. ज्यादातर शेयर हमारे पास ही रहने वाले हैं और शेयर की बिक्री में वापस खरीददारी के विकल्प के साथ की जाएगी.

वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल