नए वेज कोड पर आया ताजा अपडेट! हो सकते हैं कई बदलाव

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 16, 2022, 18:44 pm IST
Keywords: New wage code   Central government   श्रम मंत्रालय   .केंद्र सरकार   नए श्रम कानून   न्यू लेबर कोड   New Labour Code  
फ़ॉन्ट साइज :
नए वेज कोड पर आया ताजा अपडेट! हो सकते हैं कई बदलाव

श्रम मंत्रालय वेज कोड को लेकर सभी क्षेत्रों के एचआर प्रमुखों के साथ चर्चा कर रहा है. केंद्र सरकार  पिछले साल से ही इसको लागू करने की तैयारी कर रही है. लेकिन राज्य सरकार की ड्राफ्टिंग के चलते अब तक इसे लागू नहीं किया जा सका है. हालांकि, अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल इसे लागू कर दिया जाएगा. हमारी सहयोगी वेबसाइट ज़ी बिज़नेस को मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के ड्राफ्ट इनपुट पर चर्चा की जा रही है. खबर ये भी है कि नए श्रम कानूनों (New wage Code) में कुछ बदलाव किए जाएंगे.

आपको बता दें कि न्यू लेबर कोड  में कुछ संशोधन भी किए जा सकते हैं. यानी इसमें सैलरी स्ट्रक्चर को लेकर बदलाव हो सकते हैं. साथ ही गिग (Gig) और प्लेटफॉर्म वर्कर (Platform workers) के लिए भी एक सामाजिक सुरक्षा कल्याण तंत्र पर भी काम किया जा रहा है. नए लेबर कोड को 2019 में संसद ने पारित किया जा चुका है.

किसी कर्मचारी की Cost-to-company (CTC) में तीन से चार कंपोनेंट होते हैं. बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनेफिट्स जैसे PF, ग्रेच्युटी और पेंशन और टैक्स बचाने वाले भत्ते जैसे- LTA और एंटरटेनमेंट अलाउंस. अब नए वेज कोड में ये तय हुआ है कि भत्ते कुल सैलरी से किसी भी कीमत पर 50 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकते. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो उसकी बेसिक सैलरी 25,000 रुपये होनी चाहिए और बाकी के 25,000 रुपये में उसके भत्ते आने चाहिए.

इस नए नियम के तहत कर्मचारियों की अर्जित अवकाश (Earned Leave) यानी छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती हैं. लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी. जिसमें कर्मचारियों की Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जाने की मांग की गई थी.

बताया जा रहा है कि नए वेज कोड के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा, उनकी Take Home Salary में कमी की जा सकती है. क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े.

नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा. कर्मचारियों की  सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे. 

नए वेज कोड के तहत काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा, दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे. सरकार ने इस पर अपनी सफाई में कहा कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी.

वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल