संतान प्राप्ति के लिए रामबाण है शिव पुराण का पाठ

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 19, 2022, 16:04 pm IST
Keywords: Maha Shivratri 2022   Maha Shivratri   संतान प्राप्ति   भोलेनाथ   भगवान शिव की पूजा   शिव पुराण का पाठ   
फ़ॉन्ट साइज :
संतान प्राप्ति के लिए रामबाण है शिव पुराण का पाठ महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शिवजी का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था. साल 2022 में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2022) 1 मार्च, मंगलवार के दिन पड़ रही है. इस बार महाशिवरात्रि पर खास संयोग बन रहा है. इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी होती है. साथ ही इन दिन अगर शिव पुराण का पाठ किया जाए तो भोलेनाथ अत्यधिक प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि इस दिन शिव पुराण का पाठ करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है. ऐसे में जानते हैं कि शिव पुराण के पाठ में किस प्रकार की सावधानियां बरतनी चाहिए. साथ ही इस बार महाशिवरात्रि पर कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं. 

शिव पुराण का पाठ करने या सुनने से पहले शरीर और मन के पवित्र कर लें. इसके बार साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके शिवजी के प्रति मन में श्रद्धा रखें. किसी के प्रति द्वेष भावना ना रखें. माना जाता है कि किसी की निंदा या चुगली करने से पाठ का लाभ नहीं मिलता है. शिव पुराण के दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन करें. तामसिक पदार्थों का सेवन करना निषेध माना गया है. किसी भी तरह के पाप कर्म से बचें. शिव पुराण का पाठ सुनने से पहले या बाद में किसी का दिल न दुखाएं. 

शिव पुराण एक पवित्र ग्रंथ है. इसमें शिव की महिमा का वर्णन है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शिव पुराण का पाठ करने या सुनने से मनोकामना पूरी होती है. साथ ही संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है. इसके अलावा वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का कष्ट है तो वह भी दूर हो जाता है. जीवन के सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस बार खास संयोग बन रहे हैं. इस दिन शिव की पूजा के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र के साथ परिघ योग बनेगा. धनिष्ठा और परिघ योग के अलावा शतभिषा नक्षत्र और शिव योग का संयोग बनेगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक परिघ योग में शिव की पूजा करने से शत्रुओं विजय प्राप्त होती है. इसके अलावा महाशिवरात्रि पर ग्रहों का भी खास संयोग बन रहा है. दरअसल मकर राशि के 12वें भाव में पंचग्रही योग बनेगा. इस राशि में शनि और मंगल के साथ चंद्र, बुध और शुक्र भी रहेंगे. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. JANTAJANARDAN इसकी पुष्टि नहीं करता है.
अन्य धर्म-अध्यात्म लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल