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घर से ही सभी भक्तों ने मनाया अघोरेश्वर सिद्धार्थ गौतम राम का अभिषेक दिवस, इसी दिन मनता संस्थान का स्थापना दिवस

घर से ही सभी भक्तों ने मनाया अघोरेश्वर सिद्धार्थ गौतम राम का अभिषेक दिवस, इसी दिन मनता संस्थान का स्थापना दिवस
वाराणसी: विश्व विख्यात अघोरपीठ "बाबा कीनाराम स्थल", शिवाला में इस 10 फरवरी 2022 को परम् पूज्य पीठाधीश्वर अघोराचार्य महाराज श्री सिद्धार्थ गौतम राम जी का अभिषेक दिवस,परम् पूज्य  ब्रम्हलीन श्री राजेश्वर राम जी (बुढ़ऊ बाबा) का महानिर्वाण दिवस एवं संस्थान का स्थापना दिवस पूरी श्रद्धा से आश्रम में रहने वाले अनुयायियों ने सादगी एवं बाहरी भक्तों ने वर्चुअल माध्यमों से मनाया.
 
इस वर्ष भी कोविड-19 महामारी के भय के चलते  10 फरवरी 2022 को होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया था.
 
वैसे तो बनारस को भगवान् शिव की नगरी कहा जाता है और इस शहर को संत-महात्माओं का शहर भी कहा जाता है ! बनारस  में गुरू-शिष्य परम्परा की रौनक हर जगह देखने को मिलती है , लेकिन औघड़/अघोरी परंपरा का विश्व-विख्यात अघोरपीठ "बाबा कीनाराम स्थल" पर  नज़ारा कुछ अलग ही होता है.  
 
भक्तों के लिए यह दूसरी बार है कि परम् पूज्य पीठाधीश्वर अघोराचार्य महाराज श्री सिद्धार्थ गौतम राम जी का अभिषेक दिवस, परम् पूज्य  ब्रम्हलीन श्री राजेश्वर राम  जी (बुढ़ऊ बाबा) का महानिर्वाण दिवस  एवं संस्थान का स्थापना दिवस  के पावन पर्व पर अपने गुरु की चरण वंदना और दर्शन की मनोकामना पूर्ण नहीं हो पाई। घर पर ही रहकर भक्तों ने आभासीय माध्यमों दर्शन कर पर्व मनाया.
 
इस अवसर पर वर्तमान पीठाधीश्वर,अघोराचार्य महाराज श्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी का दर्शन उनके अनुयायियों को वीडियो संदेश के माध्यम से प्राप्त हुआ.
 
वाराणसी के शिवाला स्थित, इस गुरूपीठ में, 10 फरवरी  को उक्त पर्व के अवसर पर  देश-विदेश के लाखों श्रद्धालू अपने गुरू, बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी, का दर्शन ऑनलाइन किया।कई अनुयायियों ने  आश्रम के मुख्य द्वार पर ही माथा टेका बाबा ने कोरोना की भयावहता से भक्तजनों को दूर रखने के निमित्त पहले ही स्थापना दिवस पर अपने घरों में रहकर घरों पर ही मनाने की अपील की थी.
 
अनुयायियों और भक्तों के विशेष अनुरोध पर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दर्शन दिया.
 
इस दौरान अपने आशीर्वचन से पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी ने कहा कि...“परम पूज्य माँ गुरू...स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सभी समाधियों को नमन् करता हूँ और आप सबकी भलाई के लिए ही इस वर्ष भी कोरोना महामारी के कारण किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया है.
 
फिर भी आशीर्वचन की परम्परा को कायम रखते हुए  मैं कुछ बातें अवश्य बोलूंगा।आश्रम में रह रहे भक्तगण एवं कांफ्रेंस के माध्यम से  हमारे बीच उपस्थित सभी सज्जन्वृन्द,आदरणीय धर्मबन्धुओं, माताएं एवं प्यारे बच्चों, सभी समाधियों और माँ गुरू से यही विनती है कि आप सभी वैश्विक महामारी से दूर रहें संक्रमण से बचने के सभी नियमों और व्यवहार को अपनाएं  , जो नहीं अपना पा रहे हैं वे प्रयास करें । इस विषम परिस्थितियों में अपने अंदर सद्गुणों का विस्तार करें  ...अपने अवगुणों को दूर करें , जिससे समाज सुरक्षित एवं स्वास्थ्य बने , सुरक्षित एवं अखण्ड-राष्ट्र की कल्पना हम लोग कर सकें ! तो बंधुओं ! गुरू और शिष्य की परम्परा को चलाने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है, जो, धैर्य है ! अगर आप में धैर्य है तो आप बहुत कुछ पा सकते हैं ! आप गुरू के बहुत नज़दीक पहुँच सकते हैं और गुरू को पा सकते हैं ! अगर धैर्य नहीं रखेंगे .....आप सभी में कभी-कभी दिखता है और कभी-कभी वो नहीं दिखता है ! इसलिए , मैं , आपसे अपने संस्था की तरफ़ से आप सभी से अपील करता हूं....इस बात के लिए कि आप धैर्य न खोएं ! धैर्य अगर खो देंगें तो आप बहती नदी के सामान हो जायेंगें और आप का कुछ पता भी नहीं चलेगा ! इसलिए बंधू , कोरोना से जारी इस युद्ध में धैर्य न खोएं और समाज सेवा में जिस रफ़्तार से लगे हैं, लगे रहिये ! इन्हीं चंद  शब्दों के साथ, मैं, आप सभी...समाधियों की तरफ़ से और अपनी तरफ़ से आप सभी को आशीर्वाद देता हूँ कि आप आने वाले दिनों में अच्छे कर्म-अच्छी व्यवस्था कर सकें ! इसलिए मैं आप सब को धन्यवाद देता हूँ और आशीर्वाद भी देता हूँ” !आपमें बैठी माँ भगवती को प्रणाम करता हूँ!
 
!!जय माँ गुरू-जय माँ सर्वेश्वरी!!
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