सेंट्रल सेक्टर इंटीग्रेटेड स्कीम ऑन एग्रीकल्चरल कोऑपरेशन के तहत एनसीडीसी की मददः संसद में केंद्रीय मंत्री अमित शाह
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Feb 02, 2022, 17:47 pm IST
Keywords: Union Cooperation Minister Amit Shah Parliament Ministry of Cooperation National Cooperative Development Corporation NCDC National Council for Cooperative Training NCCT राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम एनसीडीसी अमित शाह
नई दिल्लीः देश में सहकारी समितियों की मजबूती के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष से नई योजना लाने पर विचार कर रही है. केंद्रीय गृह और सहकारिता मामलों के मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में यह जानकारी दी.
राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में शाह ने कहा कि अभी देश में सहकारिता क्षेत्र के विकास और संवर्धन के लिए केवल एक ही योजना सेंट्रल सेक्टर इंटीग्रेटेड स्कीम ऑन एग्रीकल्चरल कोऑपरेशन है. इस योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम (एनसीडीसी), सहकारिता शिक्षा एवं प्रशिक्षण और राष्ट्रीय सहकारिता संघ को मदद दी जा रही है. शाह ने कहा कि नए मंत्रालय के गठन के साथ ही 2022-23 से नई योजनाओं की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने कहा कि 10 से 15 वर्ष में सहकारिता की हर गांव में सहभागिता हो इसकी तैयारी करनी होगी. इसके लिए तीन हिस्सों में रणनीति बनानी होगी. जिसमें सहकारिता की दृष्टि से विकसित राज्य, विकसित होते राज्य जैसे यूपी समेत अन्य को जोड़ना होगा. उन्होने कहा सभी प्राथमिक कृषि समितियों को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा. पूरी व्यवस्था पारदर्शी होगी. जल्द ही बदलाव होंगे. वेबसाइट पर सुझाव के लिए डेढ़ माह का समय दिया जाएगा. जल्द ही मसौदा तैयार कर लिया जाएगा. समाज इसे ठीक से तभी कम करेगा जब हम प्राथमिक सदस्य को प्रशिक्षित करेंगे. प्राकृतिक खेती के लिए सहकारिताओं को भी आगे आना होगा. आगे अपने संबोधन में कहा- हम इस पर भी योजना बना रहे हैं. सहकारी समितियों को अब द्वितीयक नहीं माना जाएगा. न तो साम्यवाद और न ही पूंजीवाद सभी का विकास कर सकता है. सहकारिता ही सबको समान रूप से विकसित करेगी. गांव में जहां सोसायटी नहीं है वहां नई व्यवस्था की जाएगी. समस्या का समाधान होना चाहिए. सहकार भारती को समाधान पर काम करना चाहिए. सहकारिता मंत्री ने कहा कि कई महापुरुषों ने सहकारिता को जिस तरह देश की आत्मा बनाने का काम किया है. उस सहकारिता का योगदान अगर देखना है लिज्जत पापड़, अमूल का दूध, किसानों को मिलने वाली इफको खाद हैं यह सबमें सहकारिता का सफल योगदान है. उन्होंने बताया कि दूध की खरीद और उत्पादन में 20 फीसदी शेयर, धान की खरीद में 20 फीसदी शेयर सहकारिता का है. उन्होंने कहा कि यह कितनी बड़ी व्यवस्था है. इसकी कमाई की बड़ी मात्रा किसी की जेब में नहीं जाती बल्कि बैंक के खाते में जमा हो जाती है. सहकारिता का योगदान और बड़ा होने वाला है. इस व्यवस्था में छोटे से छोटे व्यक्ति को काम दिलाने और उसको रोजगार दिलाया जा सकता है. आर्थिक विकास का फायदा अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे यही सहकारिता का लक्ष्य है. मोदी जी ने जब सहकारिता मंत्तालय बनाया तो कई संगठन इसमें जुड़कर काम कर रहे हैं. गुजरात, कर्नाटक, यूपी, बिहार जैसे कई राज्यों में काम कर रहे हैं. शाह ने कहा कि सरकार राज्यों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करना चाहती है. प्रस्तावित नई सहकारिता नीति पर अब तक 10 मंत्रालयों और छह राज्यों सहित 35 हितधारकों से सुझाव प्राप्त हुए हैं. |
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