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मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार प्रमोद गुप्ता भाजपा में शामिल

मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार प्रमोद गुप्ता भाजपा में शामिल उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव  से पहले भारतीय जनता पार्टी  ने लगातार दूसरे दिन भी समाजवादी पार्टी में बड़ी सेंधमारी की है. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साढ़ू और पूर्व विधायक प्रमोद गुप्ता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इससे पहले मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बुधवार को नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ली थी.

चुनाव से पहले कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा और लखनऊ में प्रमोद गुप्ता के साथ कांग्रेस की पोस्टर गर्ल डॉ. प्रियंका मौर्या  ने भी भाजपा की सदस्यता ली. समाजवादी पार्टी के औरैया के बिधूना से 2012 में विधायक रहे प्रमोद कुमार गुप्ता और कांग्रेस की पोस्टर गर्ल डॉ. प्रियंका मौर्या के अलावा अयोध्या की लोक गायिका वंदना मिश्रा और कानपुर की गोविन्द नगर सीट से बसपा के प्रत्याशी रहे सुनील शुक्ला ने भी भाजपा की सदयस्ता ली.

प्रमोद गुप्ता बोले, "अखिलेश यादव चाटुकारों से घिर गए हैं. मुलायम सिंह बुजुर्ग हो गए हैं और उनकी बात अब न अखिलेश सुनते हैं और न ही पार्टी में कोई सुनता है. अखिलेश ने मुलायम को बहुत रुलाया है. आज उनकी यह हालत अखिलेश की वजह से ही है.'

प्रमोद गुप्ता का दावा है कि सपा के 20 विधायक उनके साथ आने के लिए तैयार हैं, यदि भाजपा अनुमति दे तो अखिलेश की नाक के बाल कहे जाने वाले विधायक रघुराज शाक्य, शिवकुमार बेरिया से लेकर कई विधायक अगले दो घंटे में भाजपा में होंगे.

बता दें कि औरैया के बिधूना से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक प्रमोद कुमार गुप्ता उर्फ एलएस प्रमोद कुमार गुप्ता लंबे समय से भाजपा में आने के प्रयास में थे. इनके साथ अन्य लोग भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. प्रमोद कुमार गुप्ता समाजवादी पार्टी के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साढ़ू और अपर्णा यादव के मौसा हैं. वो मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता (अब साधना यादव) के बहनोई हैं.

भाजपा में शामिल हुईं कांग्रेस की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्या ने कहा, 'मुझे कहा गया कि सरोजिनी नगर क्षेत्र में काम कीजिए, जबकि कांग्रेस नेता टिकट पहले ही किसी और को बेच चुके थे. मुझे 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' अभियान से जोड़ा. यह प्रियंका गांधी का खोखला नारा है, क्योंकि मेरी तो आवाज तक नहीं सुनी, जबकि मैं लड़ती रही. ऐसी विचारधारा के साथ मैं काम नहीं कर सकती, इसलिए भाजपा में आई हूं. भाजपा में मैंने टिकट की कोई शर्त नहीं रखी.'

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