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किसानों के चलते प्रधानमंत्री मोदी रैली छोड़ लौटे; भाजपा ने कहा सुरक्षा में चूक, कांग्रेस ने कहा भीड़ न जुटी

जनता जनार्दन संवाददाता , Jan 05, 2022, 20:49 pm IST
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किसानों के चलते प्रधानमंत्री मोदी रैली छोड़ लौटे; भाजपा ने कहा सुरक्षा में चूक, कांग्रेस ने कहा भीड़ न जुटी नई दिल्लीः पंजाब के बठिंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारी किसानों ने करीब 15 मिनट तक एक ओवरब्रिज के पास रोककर रखा. इसके चलते फिरोजपुर में आज होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की रैली रद्द हो गई और वे वापस लौट आए. गृह मंत्रालय की तरफ से इसपर बयान जारी किया गया है और इसे सुरक्षा में चूक करार दिया गया, जबकि राज्य सरकार ने इसे राजनीतिक चाल करार दिया है.

गृह मंत्रालय की तरफ से जो बयान जारी किया गया है उसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री सुबह बठिंडा पहुंचे थे. फिर वहां से उनको हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. लेकिन बारिश और कम दृश्यता की वजह से पहले प्रधानमंत्री को 20 मिनट इंतजार करना पड़ा. फिर आसमान साफ ना होता देख उन्होंने सड़क मार्ग से वहां जाने का फैसला किया. इसमें करीब 2 घंटे लगने थे. इसके बारे में पंजाब पुलिस के डीजीपी को बताकर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की रजामंदी ली गई.

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री मोदी को आज फिरोजपुर जिले के दौरे के दौरान वापस लौटना पड़ा. हम अपने प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं. अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम इसकी जांच कराएंगे.

मुख्यमंत्री चन्नी ने अपनी सफाई में आगे कहा, हमारे देश में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है. मुझे भी पीएम मोदी के जाना था, लेकिन कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने के कारण मैं नहीं गया और इसलिए मैंने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और डिप्टी मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को प्रधानमंत्री का स्वागत करने की ड्यूटी सौंपी.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम हमारे पास था. रास्ता रोकने वाले प्रदर्शनकारी अचानक आकर सड़क पर बैठ गए. हालांकि, शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों से प्रधानमंत्री की सुरक्षा का कोई खतरा नहीं था.  हमने उनसे (प्रधानमंत्री कार्यालय) खराब मौसम की स्थिति और विरोध के कारण दौरा रोकने के लिए कहा था. हमें उनके (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) अचानक मार्ग परिवर्तन की कोई सूचना नहीं थी.

चरणजीत सिंह चन्नी ने आगे कहा, किसान पिछले एक साल से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. मैं किसानों पर लाठीचार्ज नहीं करने जा रहा हूं. हमने पूरी रात किसानों से बात की जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था. लेकिन आज अचानक फिरोजपुर जिले में कुछ आंदोलनकारी एकत्र हो गए थे, जिसके चलते प्रधानमंत्री की यात्रा में रुकावट आई.  

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की सड़क मार्ग से यात्रा करने की योजना अंतिम समय में बनाई गई थी. कोई सुरक्षा चूक नहीं हुई है. मैं कल देर रात उनकी रैली की सुरक्षा व्यवस्था देख रहा था. प्रधानमंत्री की सड़क की योजना अंतिम समय में बनाई गई थी, उन्हें पहले हेलीकॉप्टर से यात्रा करनी थी.

मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी पंजाब के बठिंडा पहुंचे थे. यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. लेकिन खराब रोशनी और बारिश के चलते प्रधानमंत्री मोदी 20 मिनट तक इंतजार करते रहे. लेकिन मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया. इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था. पंजाब डीजीपी से सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री मोदी सड़क के रास्ते आगे बढ़े.   

राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी पहले प्रधानमंत्री मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो यहां कुछ किसान प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था. इसके चलते प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा, इसके बाद प्रधानमंत्री लौट आए.

गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है, बीजेपी के दिग्गज नेता भी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अपनी घटिया हरकतों से पंजाब की कांग्रेस सरकार ने दिखा दिया है कि वे विकास विरोधी हैं और प्रधानमंत्री के लिए भी उनके मन में कोई सम्मान नहीं है.  

नड्डा ने यह भी कहा कि सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि यह घटना प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक थी. पंजाब के प्रमुख सचिव और डीजीपी से एसपीजी को कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी का रूट साफ है, इसके बावजूद वहां प्रदर्शनकारियों को जाने दिया गया. इससे भी बुरी बात ये है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन पर बात करने और मामले को सुलझाने से इनकार कर दिया.  

सुरजेवाला ने एक तरफ कहा कि कांग्रेस कभी भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करती है तो वहीं दूसरी तरफ इस बात पर भी जोर दिया किसान बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. उनकी माने तो प्रदर्शन कर रहे किसान भी यही मांग कर रहे थे कि मंत्री टेनी का इस्तीफा होना चाहिए और एमएसपी वाली मांग पूरी होनी चाहिए. वहीं मार्ग बदलने वाली बात पर कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सड़क से जाने को कहा, उनको कोई मना नहीं कर सकता.

इससे पहले ट्वीट कर भी रणदीप सुरजेवाला ने कई बिंदुओं पर रोशनी डाली थी. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी नाराज था. उनकी तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने खुद किसानों से बातचीत की थी. उनकी कुछ मांगे थीं- अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा, हरियाणा, दिल्ली और यूपी में किसानों के खिलाफ केस वापसी, 700 शहीद किसानों को मुआवजा और MSP पर कमेटी.

सुरजेवाला ने तो यहां तक दावा कर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी की आज की रैली में कोई भीड़ इकट्ठा नहीं हो पाई थी. मोदी को सुनने कोई नहीं आया था. ऐसे में बीजेपी को आरोप नहीं लगाना चाहिए और आत्म मंथन करना चाहिए.

कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने भी इसी कड़ी में अपने हमले को जारी रखा है. कोई इसे रैली का फेलियर बता रहा है तो कोई इसे किसानों के गुस्से से जोड़ रहा है. मुख्यमंत्री चन्नी ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए साफ कर दिया है कि उनकी तरफ से प्रधानमंत्री की सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया था. उन्होंने खुद देर रात सभी इंतजाम देखे थे. उनके मुताबिक वे खुद आज प्रधानमंत्री का स्वागत करने जाने वाले थे. लेकिन क्योंकि उनके PA कोविड पॉजिटिव हो गए, ऐसे में उन्होंने ना जाने का फैसला लिया. चन्नी ने कई बार मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री का पूरा सम्मान करते हैं.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले पर तंज कसा. उनके मुताबिक भाजपा द्वारा बहानेबाजी की जा रही है. वे कहते हैं कि कोई भी प्रधानमंत्री का एसपीजी रूट तय करती हैं और सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी होती हैं. कोई गड़बड़ी हुई हो पूरी असफलता केंद्र सरकार की है. राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. मुझे जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक उनकी रैली में भीड़ नहीं आई इसलिए बहानेबाजी की जा रही है.

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक पर चिंता जाहिर की है. वे लिखती हैं कि मुझे ये देख चिंता है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है. जब प्रधानमंत्री कही ट्रैवल करते हैं तो कमांड हमेशा स्पष्ट रहते हैं. जिस भी स्तर पर चूक हुई है, कार्रवाई जरूरी है.
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