संतान को योग्य बनाने के लिए माता पिता को हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 20, 2021, 19:23 pm IST
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चाणक्य नीति के अनुसार हर माता पिता का सपना होता है कि उसकी संतान योग्य बने. लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए कठोर परिश्रम और त्याग भी करना पड़ता है. जो माता पिता अपनी संतान की शिक्षा और अन्य गतिविधियों पर ध्यान नहीं देते हैं उन्हें बाद में दुख और कष्ट उठाने पड़ते हैं. इसलिए संतान को यदि योग्य बनाना चाहते हैं तो चाणक्य की इन बातों को जरूर जान लें- संस्कार- चाणक्य नीति कहती कि संतान को संस्कार, माता पिता से ही प्राप्त होते हैं. संस्कारों को लेकर यदि माता पिता गंभीर हैं तो संतान को अच्छे संस्कार मिलते हैं. संस्कारवान संतान सदैव श्रेष्ठ गुणों से पूर्ण होती हैं. ऐसी संतान कुल और राष्ट्र का नाम रोशन करती है. अनुशासन- चाणक्य नीति कहती है कि माता पिता को आरंभ से ही संतान में अनुशासन की भावना को जागृत करना चाहिए. अनुशासन से ही सफलता की राह आसान होती है. जिन बच्चों में अनुशासन की भावना नहीं होती है, उन्हें सफलता प्राप्त करने में संघर्ष करना पड़ता है, वहीं जो बच्चें अनुशासन से जीवन को जीते हैं अपने सभी कार्यों को समय पर पूर्ण करते हैं, वे सदैव बड़े लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त करते हैं. शिक्षा- चाणक्य नीति कहती है कि शिक्षा से हर प्रकार के अंधकार को दूर किया जा सकता है. शिक्षा से ही व्यक्ति जीवन को सार्थक बनाता है. शिक्षा के महत्व को गंभीरता से जानना चाहिए. माता पिता को अपने बच्चों को सदैव शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करना चाहिए. संतान को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए माता पिता को सजग और जागरूक होना चाहिए. अच्छी शिक्षा में ही सफलता का रहस्य छिपा हुआ है. अच्छे-बुरे का ज्ञान- चाणक्य नीति के अनुसार माता पिता को बच्चों को आरंभ से ही अच्छे और बुरे का ज्ञान प्रदान करना चाहिए. बच्चों को सच बोलने के लिए प्रेरित करना चाहिए. गलत कार्यों पर बच्चों को रोकना और समझाना चाहिए. बच्चों को महापुरूषों के बारे में बताना चाहिए. उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए सदैव प्रेरित करना चाहिए.
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