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एनसीडीसी आंध्र के युवाओं को सहकारी कारोबार का अगुआ बनने में मदद करेगा

एनसीडीसी आंध्र के युवाओं को सहकारी कारोबार का अगुआ बनने में मदद करेगा नई दिल्ली: देश में युवाओं और किसानों के बीच अपने करियर मार्गदर्शन वीडियो की अपार लोकप्रियता के बाद, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम 'एनसीडीसी' ने गुरुवार को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए आंध्र प्रदेश के युवाओं तक पहुंचने के लिए तेलुगु भाषा में में एक पहल की शुरुआत की.

सहकारी समितियों के बारे में 'ए से जेड' तक की विस्तार से जानकारी देने वाले ये वीडियो सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं, और इन्हें एनसीडीसी के यूट्यूब चैनल, 'सहकार कोप्ट्यूब एनसीडीसी इंडिया' पर अपलोड किया गया है. ये वीडियो युवाओं और सहकारी क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं.

नीति आयोग के विशेष सचिव डॉ. के राजेश्वर राव ने आंध्र प्रदेश में सहकारी समितियों के गठन और पंजीकरण पर ऑनलाइन 'मार्गदर्शन वीडियो' लॉन्च करते हुए कहा कि इस तरह की पहल सहकारी समितियों को मजबूत करने के साथ-साथ युवाओं और संभावित सहकारी समितियों की आय में बढ़ावा देने में मदद करेंगी, और इस प्रकार यह देश की अर्थव्यवस्था में एक योगदान। होगा. इन वीडियो का उद्देश्य देश में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के निर्माण और उन्हें बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख उपायों को और भी मजबूती और गहराई प्रदान करना है.

पिछले साल, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों और युवाओं को सहकारिता का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एनसीडीसी का यूट्यूब चैनल, 'सहकार कोपट्यूब एनसीडीसी इंडिया' लॉन्च किया था. उन्होंने एनसीडीसी द्वारा 'सहकारिता के गठन और पंजीकरण' पर 18 अलग-अलग राज्यों में हिंदी के अलावा ओड़िया, बंगाली, गुजराती, तमिल, पंजाबी और मिजो सहित कुछ क्षेत्रीय भाषाओं में मार्गदर्शन वीडियो का भी लोकार्पण किया था.

डॉ. राव ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि एक ही स्थान पर दिशानिर्देश होना और स्थानीय भाषाओं में वीडियो लॉन्च करना एक अच्छा विचार है क्योंकि यह इस क्षेत्र में नए लोगों को प्रोत्साहित करेगा. उनके शब्द थे, "विशिष्ट क्षेत्र के युवा भी जुड़ाव महसूस करेंगे." डॉ. राव ने सुझाव दिया कि वीडियो को ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में संभावित सहकारिता के बीच लोकप्रिय बनाया जाए. उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि यह ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के बीच अपनी पहुंच बनाएगा और अधिक से अधिक युवाओं को सहकारी समितियों की तरफ आकर्षित करेगा और इससे अधिक से अधिक समितियां बनेंगी."
 
इस अवसर पर पहले कर्नल (डॉ.) बलजीत सिंह, मुख्य निदेशक, लाइनैक-एनसीडीसी ने मुख्य अतिथि डॉ. राव का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि मार्गदर्शन वीडियो विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में सहकारी समितियों के प्रचार और विकास में एक लंबा सफर तय करेगा.

लाइनैक-एनसीडीसी में शिक्षक एसके टुकेर, जो इस मार्गदर्शन वीडियो पहल से भी जुड़े हैं, ने इसी तरह के विचारों को प्रतिध्वनित किया और कहा कि मार्गदर्शन वीडियो का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं और उन सभी लोगों तक पहुंचना है, जो संभावित सहकारी व्यवसाय उद्यमी हो सकते हैं. इसका मार्गदर्शन करते हुए कि वे राज्य में सहकारिता से जुड़े विशिष्ट विनियमों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर आंध्र प्रदेश में उन्हें गठित और पंजीकृत कर सकते हैं.
 

इस ऑनलाइन कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों के अलावा किसानों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), क्लस्टर आधारित व्यापार संगठनों (सीबीबीओ) और एनसीडीसी के अधिकारियों ने भाग लिया.

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक शीर्ष-स्तरीय वैधानिक विकास वित्त संस्थान के रूप में एनसीडीसी ने 1963 में अपनी स्थापना के बाद से भारत में विभिन्न प्रकार की सहकारी समितियों को 1,86,000 करोड़ रुपये की संचयी वित्तीय सहायता प्रदान की है.

बड़े पैमाने पर छोटे और सीमांत किसानों और ग्रामीण गरीबों के संघों के रूप में, सहकारी समितियों ने 8.50 लाख से अधिक संगठनों और 290 मिलियन सदस्यों का एक विशाल नेटवर्क हासिल कर लिया है.

सहकारी समितियां कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में जोखिम को कम करने में किसानों को सहायता प्रदान करती हैं और शोषण के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य करती हैं. भारत में लगभग 94% किसान कम से कम एक सहकारी समिति के सदस्य हैं.
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