संकष्टी चतुर्थी, संतान प्राप्ति के लिए इस दिन करें गणेश जी की पूजा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 29, 2021, 12:34 pm IST
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वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी/ विकट संकष्टी चतुर्थी कहते है. इस साल यह 30 अप्रैल 2021, दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन गणपति की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस चतुर्थी को संकट हरने वाली चतुर्थी भी कहते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गणेश भगवान की विधि विधान से पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है. विकट संकष्टी चतुर्थी 2021 शुभ मुहूर्त (Vikata Sankashti Chaturthi 2021 Shubh Muhurat)
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन भक्त को सुबह उठकर नित्यकर्म, स्नानादि करके पूजा स्थल पर बैठ जाना चाहिए. पूजा की चौकी पर भगवान गनेश की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें दूर्वा अर्पित करें. उसके बाद दीपक आदि जलाकर पुष्प, अक्षत आदि अर्पित करें. अब व्रत का संकल्प लें. गणेश जी को भोग लगाएं. गणेश जी को मोदक प्रिय होते हैं, आप इस दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग भी लगा सकते हैं. ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का 108 बार जाप करें. इस व्रत में शाम को चंद्र दर्शन जरूर किया जाता है अगले दिन गणेश भगवान का पूजा पाठ करके व्रत का पारण करें. संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व: धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा- अर्चना करने से व्यक्ति की सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं. शास्त्रों में भगवान गणपति को विघ्नहर्ता की संज्ञा दी गई है. ये अपने भक्तों की सभी आपदाओं का संहार करते हैं. अपने भक्तों के जीवन में जो भी विघ्न –बाधा आते हैं उन्हें वे हर लेते हैं एवं उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने से निसंतान दंपतियों को पुत्र की प्राप्ति होती है. चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है. |
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