हिंदी के महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 125 वीं जयंती मनाई गयी 

जनता जनार्दन संवाददाता , Feb 16, 2021, 17:29 pm IST
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हिंदी के महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 125 वीं जयंती मनाई गयी  हिंदी के महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 125 वीं जयंती के अवसर पर विगत कई वर्षों की तरह, अंक विचार मंच, लखनऊ और हिंदी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आईटी चौराहे पर स्थित निराला की प्रतिमा की साफ-सफाई करके माल्यार्पण किया गया। इसके बाद हिंदी विभाग में निराला के जीवन और साहित्य पर केंद्रित एक गोष्ठी और कविता पाठ का आयोजन किया गया।

अंक विचार मंच के संयोजक और हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ रविकांत ने कहा कि लखनऊ शहर और लखनऊ विश्वविद्यालय का निराला से गहरा नाता रहा है। निराला को निराला बनाने वाले रामविलास शर्मा लखनऊ विश्वविद्यालय में जब अंग्रेजी साहित्य में एम. ए. कर रहे थे, तब वे अक्सर निराला से मिलने कैसरबाग जाते थे। रामविलास शर्मा ने निराला के जीवन और साहित्य पर विस्तृत लेखन किया है। निराला हिंदी के बिरले कवि हैं, जिन्हें कई विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों का बहुत स्नेह और सेवाभाव प्राप्त हुआ है।

हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर योगेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि निराला ने समाज के कमजोर और दीन-हीनों पर कविताएं लिखी हैं। उनकी कविताओं में प्रगतिशीलता है लेकिन वे परंपरा से भी बहुत कुछ ग्रहण करते हैं। वह हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। प्रोफेसर परशुराम पाल ने निराला को समता और न्याय का कवि बताया।

प्रो.मंजू त्रिपाठी ने कहा कि निराला मुक्तछंद के कवि हैं, लेकिन लय और ताल उनके यहां बराबर मौजूद है। प्रोफेसर रश्मि कुमार ने निराला को पुत्री के वात्सल्य के कवि के रूप में याद किया। प्रोफेसर अलका पांडे ने कहा कि निराला क्रांतिदर्शी और सौंदर्यदर्शी कवि हैं।

प्रोफेसर हेमांशु सेन ने निराला को स्वाधीन चेतना और संस्कृतिबोध का कवि बताया। प्रोफेसर श्रुति ने निराला के अनासक्ति भाव को शिद्दत से याद किया। इसी क्रम में निराला की चुनिंदा कविताओं का पाठ भी किया गया। इसमें जय सिंह,  आलोक, द्वारिका पांडे, अनमोल मिश्रा, अक्षय प्रताप सिंह, पवन कुमार, रिचा यादव, वर्तिका तिवारी, रुचि और आस्था कुशवाहा ने भाग लिया। डा. कृष्णाजी श्रीवास्तव ने 'वर दे वीणा वादिनी' का सस्वर पाठ किया। इस अवसर पर प्रोफेसर प्रेमसुमन शर्मा, प्राची सिंह, सौरभ वर्मा, मुकेश आनंद, आदर्श वर्मा, अनुराग सिंह, दुर्गेश कुमार सोनकर, मयंकधर मिश्रा,  जयहिंद यादव और अभिषेक कुमार मिश्रा सहित सौ से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे
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