'..बेस्ट ऑफ खुशवंत सिंह' नए अवतार में

'..बेस्ट ऑफ खुशवंत सिंह' नए अवतार में   नई दिल्ली: वरिष्ठ अंग्रेजी रचनाकार खुशवंत सिंह अपने प्रमुख संकलन 'नॉट ए नाइस मैन टू नो : द बेस्ट ऑफ खुशवंत सिंह' को एक नए अवतार में लेकर हाजिर हुए हैं।
यह संकलन पहली बार 20 वर्ष पहले सिंह की 30 चुनिंदा रचनाओं के साथ प्रकाशित हुआ था। अब इसमें उनके 18 अतिरिक्त निबंधों, लघु कथाओं और विचारों को शामिल किया गया है।

नया संस्करण शनिवार को पेंगुइन इंडिया ने यहां राजधानी में होटल ली मेरीडियन में जारी किया। समारोह में सिंह के उपनिवेशोत्तर नाटक 'टाइगर, टाइगर, बर्निग ब्राइट' का सुहेल सेठ द्वारा नाटकीय अंदाज में पाठ किया गया। लेकिन 96 वर्षीय सिंह अस्वस्थता के कारण स्वयं समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।

इस संग्रह को जारी करते हुए सम्पादक नंदिनी मेहता ने कहा, "जब मैंने बेस्ट ऑफ द खुशवंत सिंह के पहले संस्करण का 20 वर्ष पहले सम्पादन किया था, तो उस समय लेखक ने कहा था कि शायद यह उनकी पहली पुस्तक है और वह कोई और पुस्तक नहीं लिख पाएंगे।"

मेहता ने कहा, "लेकिन वह अपने शब्दों को झुठला गए। हमने प्रकृति प्रेमी, किस्सा फरेश और इतिहासकार को सिंह के भीतर स्थापित करने के लिए नए निबंधों को शामिल किया है।"

पेंगुइन इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एंड्र फिलिप्स ने कहा, "खुशवंत सिंह अभी भी पेंगुइन इंडिया के शीर्ष लेखकों की सूची में सर्वाधिक बिकने वाले लेखक बने हुए हैं।"

फिलिप्स ने कहा, "अभी भी ढेर सारे लोग उनकी रचनाएं पढ़ना चाहते हैं और खुशवंत सिंह को नए पाठक मिल सकते हैं। जब आप उनकी पुस्तक को दुकान पर सामने रखते हैं, तो यह लोगों को अपनी ओर खींचती है। मैं समझता हूं कि व्यावसायिक नजरिए से खुशवंत बहुत बिकते हैं। उनका और उनकी तमाम कथाओं का अपना एक प्रभाव है।"

फिलिप्स ने कहा कि यह एक लेखक के रूप में खुशवंत सिंह के व्यक्तित्व को चार चांद लगाता है।

1915 में पैदा हुए सिंह अपने मजाकिया, धर्मनिरपेक्ष, और बेबाक लेखनी के लिए जाने जाते हैं, जिसे वह 1960 व 1970 के दशक से ही बरकरार रखे हुए हैं।
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल