झारखंड विधानसभा: हेमंत सोरेन का सीएम बनना लगभग तय
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 23, 2019, 11:31 am IST
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झारखंड विधानसभा चुनाव के जो रुझान सामने आ रहे हैं उनसे साफ हो गया है कि एक और राज्य से बीजेपी की सरकार जाने वाली है. रुझानों में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन 42 सीटों पर आगे चल रहा है. वहीं सत्ताधारी पार्टी बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. जेवीएम 4 और आजसू 3 सीटों पर आगे है, जबकि अन्य के खाते में चार सीटें जाती हुई दिख रही हैं. झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं. रुझानों से ऐसा लग रहा है कि महागठबंधन आसानी से बहुमत के लिए जरूरी 41 का आंकड़ा पाने में कामयाब हो जाएगा. हालांकि सरकार की तस्वीर साफ होने में पेंच बरकरार है. 11 बजे तक के रुझानों के मुताबिक 17 सीटें ऐसी हैं जहां पहले और दूसरे नंबर के उम्मीदवारों के बीच 1 हजार से कम का अंतर है. 6 सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी के उम्मीदवार एक हजार से कम वोटों के अंतर से आगे हैं, जबकि सात सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार एक हजार से कम के अंतर से आगे हैं. बीएसपी के दो उम्मीदवार एक हजार से कम वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं. ऐसे में नतीजे आते आते त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति भी बन सकती है. अगर महागठबंधन 35 से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब हो जाता है तो उसके सरकार बनाने की संभावना ज्यादा है. ऐसी स्थिति में जेवीएम और आजसू किंग मेकर की भूमिका में आ सकते हैं. जेवीएम ने लोकसभा चुनाव महागठबंधन के साथ मिलकर ही लड़ा था. इसके अलावा बाबूलाल मरांडी 2014 का दर्द भी नहीं भूले होंगे जब उनके 8 में से 6 विधायकों को बीजेपी ने तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया था. वहीं लेफ्ट के एक उम्मीदवार और बीएसपी के भी महागठबंधन के साथ जाने की संभावना ज्यादा है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी बीएसपी ने कांग्रेस के साथ ही जाने का फैसला किया था. बीजेपी के लिए इसलिए मुश्किल रुझानों में बीजेपी अभी 28 सीटों पर ही आगे चल रही है. सरकार बनाने की स्थिति में पहुंचने के लिए बीजेपी को 30 से ज्यादा सीटें किसी भी हालत में हासिल करनी होंगी. इतना ही नहीं बीजेपी को जेवीएम और आजसू दोनों को महागठबंधन के पाले में जाने से रोकना होगा. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और आजसू में सीटों की सहमति नहीं बनने की वजह से गठबंधन टूट गया था. ऐसे में आजसू के बीजेपी के साथ दोबारा जाने की संभावना बन सकती है. |
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