धारा 370 हटाने से क्या कुछ बदल जाएगा, न झंडा अलग होगा, न संविधान
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 05, 2019, 18:20 pm IST
Keywords: Jammu and Kashmir Jammu and Kashmir Police Indian Army Jammu Security Issue Jammu Amaranath Yatra Jammu Amarnath Ji Yatra Article 370 जम्मू-कश्मीर धारा 370 मोदी सरकार मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला
दिल्ली: मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए न सिर्फ जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया है, बल्कि सूबे को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट दिया है. अब जम्मू कश्मीर दो राज्य लद्दाख और जम्मू कश्मीर में बंट गए हैं.
सवाल है कि सरकार के इस फैसले के बाद क्या कुछ बदल जाएगा, विस्तार से जानिए:- मोदी सरकार ने धारा 370 (1) के प्रावधान को छोड़कर सभी प्रावधानों को खत्म कर दिया. इसका सीधा मतलब ये है कि अब सूबे से अनुच्छेद 35 ए भी खत्म हो गया और भारतीय संसद के जरिए पारित कानून अब सीधे लागू होगा. 370 हटने का मतलब हुआ... जम्मू कश्मीर को मिले सभी विशेष अधिकार खत्म. भारत का कोई भी नागरिक चाहे वो देश के किसी भी हिस्से में रहता हो अब उसे कश्मीर में स्थायी तौर पर रहने, अचल संपत्ति खरीदने का अधिकार मिल जाएगा. अब तक 35ए की वजह ये नहीं हो पा रहा था. देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है. स्कॉलरशिप हासिल कर सकता है. जम्मू-कश्मीर की महिला अगर किसी दूसरे राज्य के स्थायी नागरिक से शादी करती है तो उसकी और उसके बच्चों के लिए अब कश्मीरी नागरिकता जैसी अड़चने नहीं होंगी, क्योंकि अब कश्मीरी डोमिसाइल जैसी चीज़ नहीं होगी. देश के किसी हिस्से का नागरिक वहां जमीन खरीद सकता है यानि वहां बस सकता है. देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी पा सकता है. संसद से पारित कानून अब सीधे लागू होंगे, अब तक भारतीय संसद के अधिकार जम्मू कश्मीर को लेकर सीमित थे. अब तक ये होता था कि डिफेंस, विदेश और वित्तीय मामले को छोड़कर अगर संसद कोई भी कानून बनाती थी तो वो वह जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था. ऐसे कानून को लागू कराने का प्रावधान यह था कि इसके लिए पहले संसद द्वारा पारित कानून को जम्मू-कश्मीर राज्य की विधानसभा में पास होना जरूरी था. ये अधिकार राज्य को 370 के तहत ही मिले हुए थे. अब ये खत्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी जम्मू-कश्मीर में सीधे नहीं लागू होते थे. अब इसमें कोई रुकावट नहीं होगी. राज्य की विधानसभा का कार्यकाल अब पांच साल का होगा, जो पहले छह साल का था. जम्मू-कश्मीर का अपना झंडा और अपना संविधान नहीं होगा. जम्मू-कश्मीर ने 17 नवंबर 1956 को अपना संविधान पारित किया था. जिसे अब खत्म कर दिया गया है. अब तक कश्मीर में आर्थिक इमरजेंसी नहीं लगाई जा सकती थी, अब उसे खत्म कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में वोट का अधिकार सिर्फ वहां के स्थाई नागरिकों को था, अब दूसरे राज्य के लोग यहां वोट कर सकेंगे. चुनाव में उम्मीदवार भी बन सकते हैं. J&K में अब तिरंगे का अपमान करना अपराध होगा, अब तक इसपर किसी तरह की सजा नहीं थी बाहरी लोग जम्मू कश्मीर में बिजनेस कर सकेंगे संविधान के मुताबिक अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलेगा, कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को 16 फीसदी आरक्षण नहीं मिलता था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद से लाभ भी मिलना शुरू हो जाएगा लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी, चंडीगढ़ की तरह लेफ्टिनेंट गवर्नर होगा यदि कोई कश्मीरी महिला पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती थी, तो उसके पति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी यानी किसी भी पाकिस्तानी को आसानी से जम्मू में रहने का लायसंस मिल जाता था. अब ये मुमकिन नहीं होगा सूचना का अधिकार कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं था, लेकिन धारा 370 हटने के बाद RTI कानून लागू हो जाएगा शिक्षा का अधिकार और CAG का कानून भी यहां लागू नहीं था जो अब तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा जम्मू कश्मीर राज्य को बर्खास्त करने की पॉवर राष्ट्रपति के पास नहीं थी लेकिन इस अनुच्छेद के हटने के बाद यह भी संभव होगा केंद्र शासित राज्य बनने के बाद के बाद:- जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाया गया है. अब जम्मू कश्मीर विधानसभा दिल्ली जैसी विधानसभा होगी. यानि राज्य का हेड गवर्नर होगा. पुलिस जम्मू कश्मीर के सीएम के बजाए राज्यपाल को रिपोर्ट करेगी यानि लॉ एंड ऑर्डर केंद्र के पास होगा. अब तक कानून व्यवस्था जम्मू कश्मीर सरकार के पास थी जमीन का अधिकार विधानसभा के पास होगा. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|
सप्ताह की सबसे चर्चित खबर / लेख
|