दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला, जानें तीन तलाक बिल के राज्यसभा में पास होने की पूरी कहानी
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 30, 2019, 21:15 pm IST
Keywords: Loksabha Rajyasabha Triple Talaq Bill BJP India लोकसभा राज्यसभा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट
दिल्लीः लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में पास हो गया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन के पटल पर बिल को रखा और आज शाम राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास होते ही इतिहास बन गया. सदन में 99 वोट बिल के पक्ष में पड़े और 84 वोट बिल के विरोध में पड़े है. हालांकि ये लड़ाई दो साल पुरानी है और इसे मुकाम तक पहुंचाने में सरकार को लंबा समय लग गया. आज बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजे जाने का प्रस्ताव गिर गया और इसको लेकर हुई वोटिंग में विरोध में 100 वोट पड़े और पक्ष में 84 वोट पड़े. आइए जानते हैं कि आखिर मोदी सरकार कब से इस बिल को पास कराने की कोशिश कर रही है. तीन तलाक बिल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से लेकर अब तक सरकार इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए कई बार लोकसभा से पारित करा चुकी है. जानिए बिल के पास होने की अब तक की पूरी कहानी. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो केस में फैसला देते हुए तुरंत तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया. अलग-अलग धर्मों वाले 5 जजों की बेंच ने 3-2 से ये फैसला दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो संसद में इस पर कानून बनाए. जिसके बाद मोदी सरकार की असली लड़ाई शुरू हुई. साल 2017 में पहली बार लोकसभा में पेश हुआ बिल राज्यसभा में 3 जनवरी 2018 को पास नहीं हो सका बिल 19 सितंबर 2018 को सरकार अध्यादेश लाई 2018 में फिर सरकार ने दूसरी बार पेश किया मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 सरकार 12 जनवरी 2019 को लाई दूसरा अध्यादेश और फिर 3 फरवरी 2019 को तीसरा अध्यादेश मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पेश किया 25 जुलाई 2019 को लोकसभा में पास किया गया 30 जुलाई 2019 को राज्यसभा से हुआ पास |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|