गर्मी का पारा लगातार बढ़ रहा है, ऐसे बचे रहेंगे हीट स्ट्रोक से?

जनता जनार्दन संवाददाता , May 12, 2019, 18:52 pm IST
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गर्मी का पारा लगातार बढ़ रहा है, ऐसे बचे रहेंगे हीट स्ट्रोक से?

दिल्ली: गर्मियों में अधिक पसीना आने के कारण इस मौसम में वयस्कों के शरीर में पानी की जरूरत 500 मिलीलीटर बढ़ जाती है. इसका ध्यान रखते हुए खूब पानी पीना आपको हीट सट्रोक (लू) से बचाएगा.

लंबे समय तक गर्मी में रहने के कारण होने वाली तीन सबसे आम समस्याएं हैं, जिनमें ऐंठन, थकावट और हीट स्ट्रोक शामिल हैं. अत्यधिक पसीना निकलने से, मूत्र और लार के रूप में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स का प्राकृतिक नुकसान होता रहता है, जिससे डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स का तीव्र असंतुलन हो सकता है.
अधिक समय तक धूप में रहने, शारीरिक गतिविधि, उपवास, तीखा आहार, कुछ दवाओं, बीमारी और इंफेक्शन के चलते निर्जलीकरण कहीं भी और कभी भी हो सकता है. इसके आम लक्षणों में थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, गहरे पीले रंग का मूत्र, शुष्क मुंह और चिड़चिड़ापन शामिल हैं. इसलिए इस मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना महत्वपूर्ण है.

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआइे) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि गर्मियों में अत्यधिक पसीना आने के कारण वयस्कों में पानी की आवश्यकता 500 मिलीलीटर तक बढ़ जाती है. ये टाइफाइड, पीलिया और दस्त का मौसम भी है. इसके कुछ कारणों में पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना और खराब भोजन, पेयजल और हाथों की स्वच्छता न रखना शामिल है.

लौकी, तोरी, टिंडा, कद्दू आदि गर्मियों की सब्जियां हैं, जो बेलों पर उगती हैं. इन सभी में पानी की मात्रा अधिक होती है. इनका सेवन गर्मियों में जरूर करना चाहिए.

अधिक ऊंचाई पर रहने वाले व्यक्तियों को भी अधिक पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि हवा में ऑक्सीजन की कमी अधिक तेजी से सांस लेने और श्वसन के दौरान नमी का अधिक नुकसान होने का संकेत देती है. तो नियम यह है कि आपको गर्मी के महीनों में अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि गर्मी और अतिरिक्त समय बाहर बिताने से तरल का अधिक नुकसान हो सकता है.

 कुछ सुझाव :

    • कोई भी भोजन या तरल, यदि उपयोग करने से पहले गर्म किया जाता है, तो इंफेक्शन का कारण नहीं बन सकता. कोई भी तरल या पानी, यदि उपयोग करने से पहले उबाला जाता है, तो इंफेक्शन का कारण नहीं बन सकता है.

    • कोई भी फल, जो हाथों से छीला जा सकता है, उदाहरण के लिए, केला और नारंगी, तो वो भी इंफेक्शन का कारण नहीं बन सकता है.

    • अस्वच्छ पानी से तैयार किए गए बर्फ का उपयोग ना करें.

    • ऐसे कटे फल और सब्जियों का सेवन ना करें, जिन्हें खुला छोड़ दिया गया है. सड़कों पर बिकने वाले गन्ने का रस ना पिएं. सड़क किनारे गिलास में पानी पीने से बचें.

    • कमरे के तापमान पर 2 घंटे से अधिक समय तक रखा हुआ भोजन ना करें.

  • सड़कों पर बिकने वाले खीरे, गाजर, तरबूज आदि का सेवन ना करें, जब तक कि वो पूर्ण स्वच्छ ना हो.
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