![]() |
![]() |
मणिकर्णिका…एक बेहतरीन फिल्म, जिसे चलना चाहिए
विम्मी करण सूद ,
Feb 03, 2019, 10:51 am IST
Keywords: Manikarnika movie Manikarnika movie review #manikarnika #azadikipehliladai #kangnaranout मणिकर्णिका रानी लक्ष्मीबाई पीरियड ड्रामा
![]() कंगना रनौत का अभिनय कमाल-ए-तारीफ है।उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्वीन हो, तनु वेडस मनु या फिर मणिकर्णिका- वो लाजवाब हैं. झांसी के राजा गंगाधर राव के बारे में इतिहास में कम पढ़ने को मिलता है पर के वी विज्येंदर प्रसाद ने गहन रिसर्च और कुछ कल्पना का सहारा लेकर करके इस किरदार को निखारा है और जिशु सेनगुप्ता ने पर्दे पर उतारा. अंकिता लोखंडे झलकरी बाई में दमदार लगी है. ये वही झलकरी बाई है जिसने रानी को भगाने के लिए अपना बलिदान दे दिया था. गाने भी खूब बन पड़ें हैं हालांकि मसाले का तड़का कहीं- कहीं ज्यादा लग गया जिसे बरदाश्त करना मुश्किल है। गुलज़ार के बाद देशप्रेम का एक और हिट सांग प्रसून जोशी ने इस फिल्म के ज़रिए दिया है- ‘देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए, मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए’। सुरेश ओबेराय, डैनी डेंजोंगपा, अतुल कुलकर्णी, मोहम्मद जीशान अयूब- सभी ने अपनी- अपनी भूमिका से न्याय किया है और म्यूज़िक दिया है शंकर अहसान लाॅय ने जबकि दमदार बैकग्राउंड स्कोर रचा है संचित बलहारा ने।। राधा कृष्ण के साथ डायरेक्शन की कमान संभाली है खुद कंगना रनौत ने. हालांकि सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता का फिल्म में अंत तक इंतज़ार रहा। बाकि कुछ कमियां खटकतीं हैं जैसे डायलेक्ट यानी किरदारों में लोकल भाषा का अभाव, हिस्टोरिकल फैक्ट्स की अनदेखी…और भी। पर फिर भी फिल्म देखनी बनती है…….चाहे कंगना के स्टंट सींस के लिए या फिर उस मर्दानी झांसी की रानी के लिए जिसने उनतीस साल की छोटी सी उम्र में अंग्रेज़ों के दांत खट्टे कर दिए थे । |
क्या 2019 लोकसभा चुनाव में NDA पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ सकती है? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|