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वाह रे अच्छे दिन! गरीब छात्र को स्कूल ने जलील कर निकाला

वाह रे अच्छे दिन! गरीब छात्र को स्कूल ने जलील कर निकाला
चंदौली: खबर यूपी के चंदौली से है यहाँ निजी विद्यालय संचालक द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं ।ताजा मामला दीनदयाल नगर के लिटिल फॉक स्कूल का है जहां फीस न देने पर गरीब छात्र को विद्यालय प्रशासन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया इतना ही नही उसके अभिभावक को काफी जलील भी किया।विद्यालय संचालक के दुर्व्यवहार से जहा एक तरफ अभिभावक अपनी गरीबी को कोस रहा है.
 
वही शिक्षा से वंचित होकर मासूम छात्र का भविष्य भी अंधेरे में होता जा रहा है।आंखों में पुलिस ऑफिसर बनने का सपना  पाले यह मासूम अब किसी भी विद्यालय में नाम लिखवा कर अपना सपना पूरा करना चाहता है।
 
सरकार की मंशा सबको समान शिक्षा देने की भले ही हो लेकिन योजनाओ को लोग कैसे पलीता लगाते है यह बताने के लिए ये तस्वीर काफी है। तस्वीरों में दिख रहा यह मासूम बच्चा द्वीप शर्मा दीनदयाल नगर के लिटिल फॉक स्कूल में कक्षा 1 का छात्र था जिसका एडमिशन आरटीई के तहत इस विद्यालय में हुआ था ।
 
आरटीई यानी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार निजी विद्यालयों में 25% एडमिशन गरीब बच्चों का होना चाहिए जिनकी उम्र 6 से 18 के बीच है साथ ही उनके निःशुल्क शिक्षा देना अनिवार्य है ।नियम का उलंघन करने पर जुर्माना के अलावा मान्यता रद्द करने का भी प्रावधान है ।बावजूद इसके विद्यालय संचालक गरीब बच्चे से फीस की लगातार मांग करता रहा और अंततः उसे विद्यालय से निकाल दिया।
 
दुश्वारियां यही नही खत्म हुई ,अपने बच्चे का भविष्य खराब हो जाने का गुहार लगाने पहुचे अभिभावक से भी विद्यालय संचालक ने दुर्व्यवहार किया और बच्चे के सामने उसकी गरीबी का मजाक उड़ाते वक्त यह भी नही सोचा कि बच्चों के हीरो होने वाले पिता का अपमान करने से मासूम के पर क्या असर पड़ेगा।
 
मामला संज्ञान में आते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कम्प मच गया और बेसिक शिक्षा अधिकारी मामले की जांच कर कार्यवाई की बात कर रहे है।अब देखने वाली बात यह है कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके शिक्षा विभाग में नियमो का उलंघन करने वाले विद्यालय के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाता है या हमेशा की तरह इस बार भी मामला फाइलों में दफन हो जाएगा।
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