आतंकवादियों ने कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर मार डाला
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 21, 2018, 16:54 pm IST
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में शोपियां जिला के एक बाग से शुक्रवार सुबह तीन पुलिसकर्मियों का शव बरामद किया गया। इसके कुछ घंटे पहले तड़के ही आतंकवादियों ने इन पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा किया था। पुलिस ने यह जानकारी दी।
तीन पुलिसकर्मियों की हत्या की दुखद खबर के चलते कम से कम दो पुलिसकर्मियों ने वीडियो संदेश जारी कर बल से अपने इस्तीफे की घोषणा की है। मारे गये पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद, दो विशेष पुलिस अधिकारियों - फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के तौर पर हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन्हें आज सुबह बाटागुंड और कापरान गांव स्थित उनके घरों से अगवा किया गया था। उन्होंने बताया कि अगवा किये गये लोगों को बचाने के लिये सुरक्षा बलों ने गहन तलाश अभियान शुरू किया लेकिन आतंकवादियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। पुलिसकर्मियों के शव वंगम इलाके में एक बाग से बरामद किये गये। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हमने एक नृशंस आतंकवादी हमले में अपने तीन बहादुर साथियों को खो दिया। इन तीनों शहीद जवानों को हमारी श्रद्धांजलि...।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हमलोग इस अमानवीय कृत्य की निंदा करते हैं और आश्वस्त करते हैं कि सभी दोषियों के साथ कानून के मुताबिक बर्ताव होगा।’’ पुलिस ने बताया कि बाटागुंड गांव के निवासियों ने आतंकवादियों का पीछा किया। अधिकारियों ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने हवा में गोली चलायी और ग्रामीणों को धमकी दी। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने इलाके में एक नदी को पार किया और वहीं गोली मार कर पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन से कथित रूप से संबद्ध एक ट्विटर हैंडल पर इस अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम देने का दावा किया गया। सुरक्षा एजेंसियों का भी मानना है कि इस हत्या के पीछे हिज्बुल के आतंकवादियों का हाथ है। समझा जाता है कि हत्या की इस घटना से पुलिस विभाग के निचले रैंक में खलबली मच गयी है और कम से कम दो पुलिसकर्मियों ने वीडियो संदेश भेजकर बल से खुद को अलग करने की बात कही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो संदेश में इनमें से एक पुलिसकर्मी यह कह रहा है, ‘‘मेरा नाम इरशाद अहमद बाबा है और मैं पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत था। मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है...। एसपीओ तजाल्ला हुसैन लोन ने कहा कि उन्होंने 17 सितंबर को पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया और वह ये वीडियो इसलिए जारी कर रहे हैं ताकि उनके इस कदम को लेकर किसी तरह का कोई शक नहीं बना रहे। बहरहाल, इन इस्तीफों पर पुलिस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइको ने कई बार स्थानीय पुलिसकर्मियों खासकर कई एसपीओ को यह कहकर बल से इस्तीफा देने की धमकी दी कि सरकार उनका इस्तेमाल कर रही है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इस घटना को लेकर ट्विटर पर अपनी नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों की गोलियों ने तीन और पुलिसकर्मियों की जान ले ली... सभी लोग इस घटना की निंदा, आलोचना करेंगे और आक्रोश जतायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के अपहरण की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केन्द्र की बल प्रयोग की नीति बिल्कुल काम नहीं कर रही है। महबूबा ने ट्वीट किया, ‘‘इसके लिये बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, जो अब सपना प्रतीत हो रहा है।’’ इन पुलिसकर्मियों को तीन सप्ताह पहले अगवा किया गया था। इससे पहले आतंकवादियों ने 30 अगस्त को दक्षिण कश्मीर में विभिन्न स्थानों से पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों को अगवा किया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया था। इस तरह के कम से कम आठ लोगों को अगवा किया गया था, जिनके रिश्तेदार जम्मू कश्मीर पुलिस में काम करते हैं। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने 12 मिनट के एक वीडियो में कथित रूप से इस अपहरण की जिम्मेदारी ली। उसने पुलिस हिरासत में मौजूद आतंकवादियों के रिश्तेदारों को रिहा करने के लिये तीन दिन का समय दिया है। वैश्विक तौर पर वांछित आतंकवादी और हिज्बुल मुजाहिदीन संगठन के नेता सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे की एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद 30 अगस्त को अपहरण की इस घटना को अंजाम दिया गया। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा तीन पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के बाद किसी पुलिसकर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया है साथ ही मंत्रालय ने ऐसी रिपोर्टों को शरारती तत्वों का ‘गलत प्रचार’ बताया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि जम्मू कश्मीर में कुछ विशेष पुलिस अधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं लेकिन राज्य पुलिस बल ने पुष्टि की है कि ये रिपोर्टें गलत और प्रेरित हैं। बयान में कहा गया, ‘‘ये रिपोर्ट शरारती तत्वों के गलत प्रचार पर आधारित हैं।’’ गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पेशेवर और प्रतिबद्ध पुलिस बल है जो आने वाले पंचायत और शहरी निकाय चुनावों से जुड़ी चुनौतियों सहित सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बयान में कहा गया, ‘‘ वहां 30,000 से अधिक एसपीओ हैं और समय समय पर उनकी सेवाओं की समीक्षा की जाती है। कुछ शरारती तत्व ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे एसपीओ जिनकी सेवाओं का प्रशासनिक कारणों से नवीनीकरण नहीं किया गया हैं उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।’’ मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आंतकवादी बैकफुट में हैं इस वर्ष अकेले शोपियां जिले में 28 आतंकवादियों को निष्क्रिय किया गया है। बयान में कहा गया, ‘‘राज्य पुलिस की सक्रिय कार्रवाई से आंतकवादी एक क्षेत्र में सीमित कर दिए गए है जिससे वे निराश हैं।’’ पुलिस ने कहा कि तीन पुलिसकर्मियों का दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उनके घरों से अपहरण किया गया था और हिज्बुल मुजाहिद्दीन द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद ऐसी खबरें आईं थीं कि इन हत्याओं से पुलिस विभाग के निचले पदाधिकारियों में भय का माहौल है जिससे छह पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें से दो ने वीडियो मैसेज करके यह जानकारी दी थी। हत्या की ये घटनाएं पंचायत और स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव की घोषणा के बाद हुई हैं। |
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