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जैन मुनि तरुण सागर नहीं रहे, 51 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Sep 01, 2018, 15:47 pm IST
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![]() कहा जा रहा है कि जैन मुनि ने इलाज कराने से भी इनकार कर दिया था और कृष्णानगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने का निर्णय लिया. जैन मुनि तरुण सागर का समाधि शरण (अंतिम संस्कार) दोपहर 3 बजे दिल्ली मेरठ हाइवे स्थित तरुणसागरम तीर्थ पर होगा. उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुर से शुरू होकर 28 किमी दूर तरुणसागरम पर पहुंचेगी. जैन मुनि तरुण सागर अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते थे. जैन मुनि ने देश की कई विधानसभाओं में प्रवचन दिया. हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद संगीतकार विशाल डडलानी के एक ट्वीट ने काफी बवाल खड़ा कर दिया था. मामला बढ़ता देख विशाल को माफी भी मांगनी पड़ गई थी. इस विवाद के बाद आम आदमी पार्टी से जुड़े संगीतकार डडलानी ने राजनीति से अपने आप को अलग कर लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जैन मुनि तरुण सागर के निधन का समाचार सुन गहरा दुख पहुंचा. हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे. मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूं. वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे. भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है. मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'मुनि तरुण सागर जी महाराज के निधन से पीड़ा हुई. उनके आदर्श और शिक्षा हमेशा लोगों को प्रेरित करेगी.' खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी मुनि तरुण सागर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने लिखा, 'मुनी श्री तरुण सागर जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. वो एक प्रेरणादायक आध्यात्मिक नेता थे. उन्हें हमेशा अपने समृद्ध ज्ञान और उनके मानवीय दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा.' सुरेश प्रभु ने मुनि तरुण सागर के निधन को व्यक्तिगत नुकसान बताया. ट्विटर पर उन्होंने लिखा, वह केवल 51 वर्ष के थे. उनका छोटा जीवन हमेशा समाज में अपने समृद्ध योगदान के लिए याद किया जाएगा. यह मेरे लिए व्यक्तिगत नुकसान है, उन्हें बहुत करीब से जानता था.' तरुण सागर का जन्म मध्य प्रदेश के दमोह में 26 जून, 1967 को हुआ था. उनकी मां का नाम शांतिबाई और पिता का नाम प्रताप चंद्र था. तरुण सागर ने आठ मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली. |
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