विदेशी मदद के लिए केरल कानूनी कदम उठा सकता हैः विधानसभा में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 30, 2018, 17:25 pm IST
Keywords: Pinarayi Vijayan Kerala state assembly Kerala floods Floods situation Financial assistance Kerala situation केरल बाढ़ पिनराई विजयन विशेष सत्र भीषण बाढ़ विदेशी सहायता न्यायालय की शरण मौसम विभाग
तिरुवनंतपुरमः केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि बाढ़ आपदा में 483 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 14 लोग अभी भी लापता हैं। आपदा पर चर्चा के लिए बुलाए एक दिवसीय विशेष सत्र में बहस की शुरुआत करते हुए विजयन ने कहा कि बाढ़ की वजह से करीब 14.50 लाख लोग राहत शिविरों में रहे। राज्य में आई बाढ़ को सदी की सबसे भीषण बाढ़ बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा, अगर केरल को विदेशी सहायता मिलने में केंद्र ने अड़चन डाली तो सरकार इस मसले पर विधिक न्याय मांगने में कोताही नहीं करेगी और न्यायालय की शरण लेगी. उन्होंने कहा, नए आंकड़ों के मुताबिक, अब 59,296 लोग 305 राहत शिविरों में रह रहे हैं। कुल 57 हजार हेक्टेयर कृषि फसलें बर्बाद हो गईं। नुकसान का अनुमान हमारे राज्य के वार्षिक परिव्यय से अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम विभाग ने बारिश से संबंधित पर्याप्त चेतावनी दी थी,लेकिन अप्रत्याशित बारिश ने जल प्रलय ला दिया। उन्होंने कहा कि नौ से 15 अगस्त तक 98.5 एमएम की बारिश का अनुमान लगाया गया था जबकि राज्य में 352.2 एमएम की बारिश हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वी.डी. सतीशन ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह एक मानवजनित आपदा है। सतीशन एर्नाकुलम जिले के परावुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। एर्नाकुलम जिला बाढ़ और बांध के पानी से जलमग्न हो गया था। उन्होंने कहा, यह प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि एक मानवजनित आपदा है क्योंकि बांध जल प्रबंधन के गलत नियंत्रण के कारण ऐसा हुआ। राज्य के बांध पहले से ही पूरे भरे हुए थे और बांध के पानी को अंधाधुंध तरीके से छोड़ देना इस आपदा का प्रमुख कारण रहा। सतीशन ने कहा, कई बांधों को मध्यरात्रि को खोल दिया गया। समय की जरूरत है जिम्मेदारी तय करने की, और यह पता लगाने की इसके लिए कौन जिम्मेदार है। दिग्गज विपक्षी विधायक के.एम. मणि ने बचाव प्रयासों की सराहना की लेकिन कहा कि अगर उचित बांध प्रबंधन नीति अपनाई गई होती तो इस त्रासदी से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा, अब त्रासदी खत्म हो गई है, पुनर्वास कार्यों पर व्यवस्थित रूप से ध्यान देना होगा। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|