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सरनेम के अलावा उनके पास और क्या है? राहुल गांधी का जवाब 'मेरे पास अपने सवालों के साथ आइए और खुद जानिए'

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 26, 2018, 18:36 pm IST
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सरनेम के अलावा उनके पास और क्या है? राहुल गांधी का जवाब 'मेरे पास अपने सवालों के साथ आइए और खुद जानिए' लंदनः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अक्सर इस बात आलोचना का सामना करना पड़ता है कि उनके पास एक संपन्न पृष्ठभूमि के अलावा कुछ नहीं है. ब्रिटेन में भी इस सवाल ने राहुल का पीछा किया. यहां राहुल गांधी से सवाल किया गया कि उनके पास गांधी सरनेम के अलावा और क्या है? इस पर राहुल ने कहा कि उन्हें सुने बिना किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए.

उन्होंने ब्रिटेन के पत्रकारों से कहा कि उनकी 'क्षमता' के आधार पर उनके बारे में कोई राय बनानी चाहिए, ना कि उनके परिवार की 'निंदा' कर के.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'आखिर में यह आपकी इच्छा है. क्या आप मेरे परिवार की निंदा करेंगे या आप मेरी क्षमता के आधार पर मेरे बारे में कोई राय बनाएंगे... यह आपकी पसंद है. यह आप पर निर्भर करता है, मुझ पर नहीं.'

ब्रिटेन यात्रा पर गए राहुल गांधी ने कहा कि 'मेरे पिता के प्रधानमंत्री बनने के बाद से मेरा परिवार सत्ता में नहीं रहा. यह चीज भूली जा रही है.

राहुल ने कहा 'दूसरी बात, 'हां, मैं एक परिवार में पैदा हुआ हूं... मैं जो कह रहा हूं उसे सुनें, मुद्दों के बारे में मुझसे बात करें, विदेश नीति, अर्थशास्त्र, भारतीय विकास, कृषि पर, खुलेआम और स्वतंत्र रूप से मुझसे बात करें. मुझसे जो भी प्रश्न पूछना चाहते हैं, वह पूछें और फिर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि मैं क्या हूं.'

भाजपा और आरएसएस पर अपने हमले को तेज करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे जनवादी नेताओं का समर्थन इसलिए करते हैं, क्योंकि वे नौकरी नहीं होने को लेकर गुस्से में हैं.

भारतीय पत्रकारों के संघ से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि समस्या के समाधान की बजाए ये नेता उस गुस्से को भुनाते हैं और देश को नुकसान पहुंचाते हैं.

भारतीय पत्रकारों के संघ से बातचीत के दौरान राहुल ने इसके अलावा कई मुद्दों पर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पत्रकारों ने सवाल किया, 'क्या आप खुद को भारत के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'फिलहाल मैं इस बारे में नहीं सोच रहा. मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं. मुझमें यह बदलाव 2014 के बाद आया. मुझे लगा कि भारत में जैसी घटनाएं हो रही हैं, उससे भारत और भारतीयता को खतरा है. मुझे इससे देश की हिफाजत करनी है.'

इससे पहले राहुल ने कहा था कि भारत में बेरोजगारी का 'संकट बड़ा है' और भारत सरकार इसे स्वीकार नहीं करना चाहती. यहां प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एक संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि चीन एक दिन में 50,000 नौकरियों का सृजन करता है, जबकि भारत में एक दिन में केवल 450 नौकरियां ही पैदा होती हैं. यह एक आपदा है.

वहीं राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा, 'आरएसएस और मुस्लिम ब्रदरहुड में काफी समानता है. वे सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते हैं.
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