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सुप्रीम कोर्ट ने 2007 के भड़काऊ भाषण मामले में पूछा कि योगी पर क्यों न चले मुकदमा?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Aug 20, 2018, 18:01 pm IST
Keywords: Supreme Court UP government CM Yogi Adityanath Hate speech Gorakhpur Hate speech भड़काऊ भाषण उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुप्रीम कोर्ट
![]() दरअसल, 27 जनवरी 2007 को योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. इस दंगे में दो लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे. इस दंगे के लिए तत्कालीन सांसद व मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, तत्कालीन विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था. आरोप था कि इनके भड़काऊ भाषण के बाद ही दंगा भड़का. इस मामले में हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के कई नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. लेकिन पिछले साल (2017) राज्य सरकार ने योगी आदित्यनाथ को अभियुक्त बनाने से ये कहकर मना कर दिया था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी उन्हें राहत मिल गई है. इस संबंध में होई कोर्ट में याचिका दायर कर सीएम योगी और अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. साथ ही इस केस की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग याचिका में हुई थी. इसी साल (2018) फरवरी में हाई कोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसी शर्मा की डिवीजन बेंच ने इस याचिका खारिज कर दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट के बाद यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ भाषण के आरोप में केस क्यों चलाया जाए? |
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