रेलमंत्री जी कृपया ध्यान दें! पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन पर क्यों होता है हंगामा?
चंदौली ब्यूरो डेस्क ,
Jul 06, 2018, 9:14 am IST
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चंदौली: मुस्कान के साथ सेवा का दावा करने वाली भारतीय रेल अब यात्रियों के मुस्कान छीनने लगी है. कभी पानी, कभी गंदगी तो कभी एसी के लिए लगातार हो रहे हंगामे से भी रेल अधिकारी नहीं चेत रहे और लापरवाही का आलम यह है कि हंगामा कर रहे यात्रियों की समस्याओं का निदान करना तो दूर रेल के अधिकारी समस्याओं के बाबत जानने की जहमत तक नहीं उठाते।
ताजा मामला मुगलसराय रेलवे स्टेशन का है, जहां 12502 डाउन पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एसी खराब होने को लेकर यात्रियों ने जमकर हंगामा किया और करीब 2 घंटे तक चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोके रखा. इस दौरान यात्रियों ने प्लेटफॉर्म पर काफी देर तक नारेबाजी भी की। इस दौरान रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी ट्रेन पकड़ने मुग़लसराय स्टेशन पहुंचे।
यात्रियों द्वारा हंगामे के सवाल पर रेल राज्य मंत्री ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए डेढ़ से 2 वर्ष का समय मांगा और इनरुट पड़ने वाले स्टेशनों, जहा ट्रेनों का ठहराव ज्यादा देर तक है, उन स्टेशनों पर चार्जिंग पॉइंट लगाने के प्रस्ताव की भी बात कही, लेकिन रेल यात्री जो ज्यादा किराया देकर सुविधा की अपेक्षा रखते हैं, उन्हें इन तकनीकी दिक्कतों से क्या मतलब. आप मनमाना किराया वसूलते हैं. डयनामिक फेयर के नाम पर लूट रहे, सुविधा नहीं तो किराया ज्यादा क्योम? के सवाल ऑ मंत्री जी टाल गए ..
इस बीच करीब 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसी प्रकार जीआरपी ने यात्रियों को समझा-बुझाकर ट्रेन को आगे की ओर रवाना कराया। बता दें कि ज्यादा किराया देकर यात्री एसी बोगियों में सफर करते हैं ताकि उन्हें सुख सुविधा मिल सके, लेकिन भीषण गर्मी में एसी में खराबी की लगातार बढ़ती समस्याओं को लेकर आए दिन हो रहे.
हंगामे के बाद भी रेलवे के अधिकारी कोई उपाय नहीं कर रहे। जिसका खामियाजा प्लेटफार्म पर तैनात टीटीई, जीआरपी, आरपीएफ को भुगतना पड़ता है। टर्मिनल स्टेशनों पर प्रॉपर मेंटेनेंस न होने के कारण आ रही तकनीकी खराबियों का बीच में निदान करने के लिए कोई टेक्निकल स्टाफ नहीं होता। इस कारण स्टेशन दर स्टेशन यात्री आक्रोशित होकर हंगामा करते हैं और रेलवे को कोसते नजर आते हैं। एक तरफ सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, दूसरी तरफ यात्रियों से ज्यादा किराया लेकर भी उन्हें सुविधाएं देने के लिए राजी नहीं. |
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