दिल्ली में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की रहस्यमयी मौतः रिश्तेदार का दावा, ये पढ़ेलिखे मोक्ष के लिए नहीं मर सकते, पुलिस जांच में जुटी

दिल्ली में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की रहस्यमयी मौतः रिश्तेदार का दावा, ये पढ़ेलिखे मोक्ष के लिए नहीं मर सकते, पुलिस जांच में जुटी नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों के रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए जाने का मामला उलझता जा रहा है. रिश्तेदार इसमें साजिश देख रहे हैं, तो पुलिस इसमें हत्या और आत्महत्या के साथ अब तंत्र-मंत्र अंधविश्वास का पहलू भी टटोल रही है. इस मामले में पुलिस ने कुछ नोट बरामद किए हैं. हाथ से लिखे इन नोटों में कहा गया है कि ‘मानव शरीर अस्थायी है और अपनी आंखें और मुंह बंद करके डर से उबरा जा सकता है.’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह नोट संकेत देते हैं कि इन मौतों में कोई ‘धार्मिक या आध्यात्मिक पहलू’है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि क्या परिवार किसी तंत्र - मंत्र में शामिल था या वे किसी तांत्रिक के अनुयायी थे. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक जो दो रजिस्टर घर से बरामद हुए हैं. उनमें ठीक वैसा वैसा लिखा हुआ है जिन हालत में सभी 10 शव लटके मिले हैं. ये भी लिखा है कि सभी इच्छाओं की पूर्ती हो.

उन दोनों रजिस्टर के करीब 35 पन्नों में शुरुआत के कुछ पन्नो में इस बात का जिक्र है कि किस शख्स को कहा कहा खड़ा होकर लटकना है और खासकर ये भी लिखा गया है कि दरवाजे पर किस शख्स को लटकना है. जैसा-जैसा लिखा गया है बिल्कुल उसी तरह तमाम 10 शव मिले है.

बुराड़ी के उस घर में जहां 11 लोगों की लाशें मिली हैं, अब दो रजिस्टर भी बरामद होने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि इन रजिस्टर्स में सभी मौतों का दिन, वक्त और तरीका तक लिखा हुआ था. क्राइम ब्रान्च सूत्र के मुताबिक परिवार 2015 से रजिस्टर में नोट्स लिख रहा था, जो घर में मौजूद एक छोटे से मंदिर के बगल से बरामद हुआ है.

दरअसल कल तक बुराड़ी की ग्यारह लाशों की पहेली में उलझी दिल्ली पुलिस अब दो रजिस्टर के पन्नों में फंस गई है. ये रजिस्टर घर के एक छोटे मंदिर के पास मिले हैं. रजिस्टर के पन्नों पर मौत का तरीका, मौत का दिन और मौत का वक्त साफ साफ लिखा है. हैरतनाक ये है कि परिवार ने अपनी जान हूबहू वैसे ही दी है जैसी रजिस्टर में लिखी है.

मौत का रजिस्टर!

1. रजिस्टर में लिखा है कि सभी लोग आंखों पर पट्टियां अच्छे से बांधेंगे. पट्टी ऐसे बंधे कि सिर्फ शून्य दिखे. इसके अलावा रस्सी के साथ सूती चुन्नी और साड़ी का इस्तेमाल करना होगा.

2. सात दिन बाद लगन और श्रद्धा से लगातार पूजा करनी होगी, अगर इस दौरान कोई घर में आए तो पूजा अगले दिन करनी होगी.

3. रविवार या गुरुवार के दिन को ही इस काम के लिए चुनें.

4. बेब्बे (दादी) खड़ी नहीं हो सकती तो अलग कमरे में लेट सकती हैं.

5. परिवार के सभी सदस्यों की सोच एक जैसी होनी चाहिए, इसके बाद आगे के काम दृढ़ता से शुरू होंगे.

6. मद्धम रौशनी का प्रयोग ही करें.

7. हाथों को बांधनेवाली पट्टियां बच जाएं तो उन्हें आंखों पर डबल बांध लें.

8. मुंह पर पट्टी को भी रूमाल बांधकर डबल कर लें.

9. जितनी दृढ़ता और श्रद्धा दिखाओगे, फल उतना ही उचित मिलेगा.

10. रात 12 से 1 बजे के बीच क्रिया करनी है, और उससे पहले हवन करना है.

चौंकाने वाली बात है कि बुराड़ी के परिवार ने बिल्कुल उसी अंदाज़ में मौत को चुना जैसा पहले से रजिस्टर में दर्ज था. रजिस्टर में लिखा था कि कौन कहां लटकेगा और ठीक ऐसा ही किया भी गया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक परिवार की मुखिया नारायणी देवी अलग कमरे में लेटी मिली थीं. बेटा भुवनेश उर्ऱफ भूपी और ललित, उनकी पत्नियां और बच्चे छत में लगी लोहे की जाली से लटके थे. नारायणी देवी की बेटी और नातिन खिड़की से लटके हुए थे. भुवनेश और ललित के अलावा सभी के हाथ मजबूती से बंधे थे.

रजिस्टर में पहली एंट्री नवंबर 2017 की है जबकि आखिरी एंट्री 25 जून की है. रजिस्टर में लिखा था- सभी इच्छाओं की पूर्ति हो. जिस तरह की बातें रजिस्टर के पन्नों पर लिखी हुई हैं उनसे लग रहा है कि या तो ये पूरी क्रिया किसी मनोकामना को पूरा करने के लिए की गई, या फिर सामूहिक जान देने के पीछे वजह मोक्ष की इच्छा है. रजिस्टर में भी ऐसा कुछ लिखा होने की बात बताई जा रही है.

पुलिस अब रजिस्टर के एक-एक पन्ने और उसमें लिखी एक एक बात को डिकोड करने में लगी है. कई अहम सवाल पुलिस की पड़ताल के केंद्र में हैं. जैसे रजिस्टर में जो कुछ लिखा गया है वो किसने लिखा, क्या वाकई रजिस्टर में परिवार की मौत की स्क्रिप्ट लिखी है, क्या इस मौत के पीछे तंत्र मंत्र है, और क्या ये पुलिस को उलझाने का कोई तरीका तो नहीं.

इस बीच इस परिवार के एक रिश्तेदार ने इस घटना में साजिश की आशंका जताई और कहा कि 'वे शिक्षित लोग थे, अंधविश्वासी नहीं.' इस परिवार के एक रिश्तेदार केतन नागपाल ने आरोप लगाया कि उन्हें मारा गया है. उन्होंने पुलिस की इस कहानी को खारिज किया कि हो सकता है. यह ‘एकसाथ खुदकुशी’ का मामला हो. उन्होंने कहा कि यह एक समृद्ध परिवार था. रिश्तेदारों ने दावा किया कि इन मौतों में कोई ‘धार्मिक एंगल’ नहीं है.  

शव खोजने वाले शुरूआती लोगों में शामिल एक व्यक्ति के बेटे अमरिक सिंह ने कहा कि परिवार प्रियंका की शादी की तैयारी कर रहा था और वे बहुत खुश नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा, ''इस पर भरोसा करना मुश्किल है कि ऐसा कुछ हो गया। हम 17 जून को प्रियंका की सगाई में शामिल हुये थे। शादी संभवत: नवंबर में होनी थी। घर में पुनरोद्धार का काम हो रहा था।
        
प्रियंका के रिश्ते के भाई केतन नागपाल ने बताया कि प्रियंका कल रात अपनी शादी की तैयारियों के बारे में चर्चा कर रही थी।

दर असल दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रविवार को यहां संदिग्ध परिस्थितियों में एक परिवार के ग्यारह सदस्य मृत पाए गए। बुराड़ी क्षेत्र के संत नगर में दो मंजिला घर में मिले शवों में सात महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश खुराना ने कहा, “इनमें से कुछ फंदे से लटके मिले जबकि कुछ के शव जमीन पर पड़े हुए थे, जिनके हाथ और पैर बंधे हुए थे।”

अधिकारी ने कहा, “प्रथम दृष्टया हमें लगा कि इन्होंने आत्महत्या की है लेकिन हम हत्या के अन्य संभावित कोण से भी जांच कर रहे हैं। हम सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं।”खुराना ने कहा, “तीन किशोरों सहित सात महिलाओं और चार पुरुषों के शव पाए गए हैं। हमें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। हमने मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।”

उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में अपने घर में रहस्यमयी हालात में मृत मिले एक ही परिवार के 11 सदस्यों के एक रिश्तेदार ने इस घटना में साजिश की आशंका जताई और कहा कि 'वे शिक्षित लोग थे, अंधविश्वासी नहीं.' इस परिवार के एक रिश्तेदार केतन नागपाल ने आरोप लगाया कि उन्हें मारा गया है. उन्होंने पुलिस की इस कहानी को खारिज किया कि हो सकता है. यह ‘एकसाथ खुदकुशी’ का मामला हो. उन्होंने कहा कि यह एक समृद्ध परिवार था. रिश्तेदारों ने दावा किया कि इन मौतों में कोई ‘धार्मिक एंगल’ नहीं है.  

मृतकों में से दो भाई भूपिंदर और ललित सिंह हैं, जिनमें से भूपिंदर किराने की दुकान चलाते थे, जबकि ललित सिंह बढ़ई की दुकान चलाते थे। दोनों घर से ही व्यवसाय करते थे। खुराना ने कहा, “दुकान रोजाना सुबह छह बजे खुल जाती थी लेकिन जब आज सुबह 7.30 बजे तक दुकान नहीं खुली तो एक पड़ोसी दूध खरीदने के लिए गया। जांच करने पर पड़ोसी ने घर का दरवाजा खुला पाया, जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी।”

अंदेशा है उनका गला दबाया गया है। मृतक परिवार के पड़ोस में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है। पड़ोसियों का कहना कि दोनों भाईयों का परिवार एक साथ रहता था और कभी लगा ही नहीं कि ये ऐसा कर सकते हैं।

पड़ोसी बृजेश कुमार ने बताया, 'मैं पिछले 25 वर्षों से इसी गली में रह रहा हूं। दोनों परिवार बहुत ही सुलझे हुए थे और दोनों भाईयों का संयुक्त परिवार था। एक भाई परचून की दुकान चलाता था तो दूसरा लकड़ी का काम करता था। दोनों में कभी भी मनमुटाव नहीं रहा। ये किसी की साजिश लग रही है, इस परिवार की हत्या की गई है।' साथ ही बृजेश ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य मिलनसार थे, पड़ोसियों से इनका अच्छा व्यवहार था, इनका किसी से कोई मतभेद नहीं रहा।

एक अन्य पड़ोसी नितिन ने बताया, 'परिवार के छोटे भाई ललित से शनिवार शाम को ही मुलाकात हुई थी, वे मेरी दुकान के सामने से जा रहे थे। मेरी दुकान में फर्निचर का काम चल रहा है, उनकी दुकान से ही सामान आ रहा था, कल शाम को भी वहां से सामान आया है। पूरा परिवार धार्मिक था। कभी सोचा ही नहीं जा सकता कि उनका परिवार ऐसा कर सकता है, इसके पीछे पक्का कोई साजिश है।'

पुलिस ने बताया कि बीती रात 11.45 बजे दुकान बंद कर परिवार वाले सोने गए थे। सुबह उनका पड़ोसी दूध खरीदने आया तो दुकान बंद थी लेकिन घर खुला हुआ था। पड़ोसी ने बताया कि जब वह घर के अंदर पहुंचा तो उसने देखा कि सारे लोग मृत पड़े हैं। सारे लोग आंगन की जाली से लटके हुए थे। इसके बाद उसने पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी।

संदेह उठा रहे हैं ये 5 सवाल

1. शवों के मुंह-आंखों पर पट्टी

घर में मिले सभी शवों के मुंह और आंखों पर पट्टी बंधी मिली है। सवाल यह है कि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या करने से पहले मुंह और आंखों पर पट्टी क्यों बांधेगा?

2. घर का दरवाजा खुला हुआ

पड़ोसी जब सुबह दूध लेने दुकान पर गया हुआ था तो उसने घर का दरवाजा खुला हुआ देखा। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई बाहर का आदमी घर में दाखिल हुआ होगा। घर के ग्राउंड फ्लोर और निचली मंजिल का दरवाजा खुला हुआ था।

3. शवों के हाथ-पैर बंधे

फंदे पर झुलते शवों के हाथ-पैर बंधे हुए थे। सभी के हाथ पीछे बंधे हुए थे। कोई भी व्यक्ति हाथ-पैर बांधकर फंदे पर कैसे लटक सकता है?

4. मां का शव बेडरुम के फर्श पर मिला

घर की सबसे बुर्जुग महिला 75 साल की नारायण का शव बेडरुम में मिला है। उसका गला घोंटा गया था।

5. सिर्फ 7 घंटे अंदर हुई घटना

वारदात से पहले सामान्य बर्ताव दिखा था। पुलिस ने बताया कि रात 11.45 बजे दुकान बंद हुई थी। वहीं एक पड़ोसी ने कहा, “ललित और भूपिंदर दोनों बहुत दोस्ताना थे ... वे आत्महत्या नहीं कर सकते। मैंने कल रात भूपिंदर से बात की थी। वह बहुत खुश थे और कही से तनाव में नहीं लग रहे थे।”

इन सवालों के जवाब ढूंढ़ रही पुलिस:-

- घर का मुख्य दरवाजा क्यों खुला था और इसे किसने खोला
- बुजुर्ग महिला का कत्ल किसने और क्यों किया? बता दें, बुजुर्ग महिला की हत्या का अंदेशा लगाया जा रहा है, क्योंकि बुजुर्ग का शव बाकि दस की तरह ऊपर नहीं लटका था, बल्कि नीचे फर्श पर पड़ा था।
- घर में कोई लूटपाट नहीं हुई तो फिर क्या बुजुर्ग महिला को किसी घर के जानकार या करीबी ने मारा।?
- अगर बाकी 10 लोगों ने आत्महत्या की तो किस वजह से।?
- इतने लोगों ने आत्महत्या की तो घर से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।?
- अगर घर में कत्ल हुआ या कोई बाहर से आया तो घर में मौजूद कुत्ते ने भोंका क्यों नहीं?
-कुत्ता छत पर ठीक उसी जगह चेन से बंधा था, जिस छत के नीचे जाल से लटके हुए शव मिले।
- घर में काफी कैश रखा था लेकिन उसे किसी ने छुआ तक क्यों नहीं?
- जाल से लटके सभी 10 शवों के हाथ, पैर, मुंह क्यों बंधे थे?
- कुछ बच्चों के पैर जमीन से टच भी हो रहे थे तो क्या उन्हें भी मार कर लटकाया गया ताकी वो भी आत्महत्या लगे।
- सभी ने एक जगह ही खुदकुशी की, किसी को पहले वाले को मरता देख बिल्कुल डर नहीं लगा?
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