डोनाल्ड ट्रंप-किम जोंग उन मुलाकात: उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन ला सकता है शांति, पर किस कीमत पर
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 06, 2018, 13:06 pm IST
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वाशिंगटन: अंततः उत्तर कोरिया और अमेरिका की शिखर बैठक हो रही है. जिससे दुनिया भर में शांति की आशा है, पर यह बैठक किस कीमत पर हो रही है, यह जानना महत्त्वपूर्ण है. व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच पहली मुलाकात 12 जून को सिंगापुर के समयानुसार सुबह नौ बजे होगी. प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने बैठक के समय की घोषणा करते हुए कहा कि सिंगापुर में एक टीम तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है और वार्ता शुरू होने तक यह टीम वहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि ट्रंप बैठक से पहले उत्तर कोरिया पर प्रतिदिन राष्ट्रीय सुरक्षा ब्रीफिंग ले रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच आगामी बैठक के लिए सिंगापुर का शांगरी-ला होटल संभावित आयोजन स्थल हो सकता है. सिंगापुर के अधिकारियों ने सरकारी गजट में कल ऑनलाइन प्रकाशित एक आदेश में कहा कि 10 जून से 14 जून के बीच बैठक के लिए होटल के आसपास के इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे. यह बैठक 12 जून को निर्धारित है. अमेरिका के साथ शिखर बैठक से पहले उत्तर कोरिया की ओर से सेना के तीन शीर्ष अधिकारियों को बदले जाने की खबरों पर दक्षिण कोरिया करीब से नजर रखे हुए है. अमेरिका के साथ शिखर बैठक से पहले उत्तर कोरिया द्वारा सेना के तीन शीर्ष अधिकारियों को बदले जाने की खबरों पर दक्षिण कोरिया करीब से नजर रखे हुए है. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में शिखर बैठक होने की संभावना है. इस दौरान उत्तर कोरिया के पास मौजूद परमाणु हथियारों का जखीरा प्रमुख मुद्दा रहेगा. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार , उत्तर कोरिया में हुई फेर - बदल का लक्ष्य संभवत: सेना को कुछ काबू में लाना है. पिछले महीने के अंतिम में उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया में खबर आयी थी कि किम सु गिल को सेना के शक्तिशाली जनरल पोलिटिकल ब्यूरो (जीपीबी) का निदेशक नियुक्त किया गया है. उन्होंने किम जोंग गाक की जगह ली है. संवाद समिति योनहाप ने खुफिया विभाग के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रि म्योंग सु की जगह उनके कनिष्ठ रि योंग गिल को दे दी गयी है. वहीं, पाक योंग सिक की जगह पूर्व उपमंत्री नो क्वांग चोल को नया रक्षा मंत्री बनाया गया है. दक्षिण कोरिया का कहना है कि यदि इस फेरबदल की पुष्टि होती है तो यह बेदह दुर्लभ होगा. उसका कहना है कि घटनाक्रम पर करीब से नजर रखी जा रही है. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम - जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में शिखर बैठक होने की संभावना है. इस दौरान उत्तर कोरिया के पास मौजूद परमाणु हथियारों का जखीरा प्रमुख मुद्दा रहेगा. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार , उत्तर कोरिया में हुई फेर - बदल का लक्ष्य संभवत : सेना को कुछ काबू में लाना है. पिछले महीने के अंतिम में उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया में खबर आयी थी कि किम सु गिल को सेना के शक्तिशाली जनरल पोलिटिकल ब्यूरो (जीपीबी) का निदेशक नियुक्त किया गया है. उन्होंने किम जोंग गाक की जगह ली है. संवाद समिति योनहाप ने खुफिया विभाग के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रि म्योंग सु की जगह उनके कनिष्ठ रि योंग गिल को दे दी गयी है. वहीं , पाक योंग सिक की जगह पूर्व उपमंत्री नो क्वांग चोल को नया रक्षा मंत्री बनाया गया है. दक्षिण कोरिया का कहना है कि यदि इस फेर - बदल की पुष्टि होती है तो यह बेदह दुर्लभ होगा. उसका कहना है कि घटनाक्रम पर करीब से नजर रखी जा रही है. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने कहा है कि उनकी योजना उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन से मिलने की है. यह जानकारी आज उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने दी. प्योंगयोग की सरकार संचालित समाचार एजेंसी केसीएनए ने असद को उद्धृत करते हुए कहा , ‘‘ मैं डीपीआरके की यात्रा करने और किम जोंग उन से मिलने जा रहा हूं.’’ यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब किम और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सिंगापुर में 12 जून को ऐतिहासिक परमाणु शिखर सम्मेलन की तैयारियां चल रही हैं. सीरियाई राष्ट्रपति के कार्यालय ने संबंधित खबर के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद ही उत्तर कोरिया को मिलेगी पाबंदियों में ढील, अमेरिका ने कहा अमेरिका के विदेश मंत्री जिम मैटिस ने रविवार को कहा कि उत्तर कोरिया जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में ठोस और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता है तब तक उस पर लगी पाबंदियों में कोई ढील नहीं दी जाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में होने वाली शिखर बैठक से पहले एक सुरक्षा सम्मेलन में मैटिस ने कहा कि यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पाबंदियों का पालन करना अभी जारी रखे. दक्षिण कोरिया और जापान के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक में मैटिस ने कहा कि उत्तर कोरिया को राहत तभी दी जाएगी जब वह परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में पुष्ट और अपरिवर्तनीय कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो शांति कायम का श्रेष्ठ मार्ग है. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सोंग योंग - मू ने कहा कि उत्तर कोरिया के हालिया घटनाक्रम को देखते हुए, सचेत रहते हुए भी आशावादी हुआ जा सकता है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस का कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप से अमेरिकी सेना को हटाने या उनकी संख्या कम करने पर चर्चा नहीं होगी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मैटिस ने शनिवार (2 जून) को 17वें एशियाई सुरक्षा शिखर सम्मेलन में कहा, "दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या उसके निमंत्रण और वाशिंगटन एवं सियोल के बीच चर्चा के अधीन है." मैटिस ने सिंगापुर में शुक्रवार से शुरू हुए शिखर सम्मेलन में कहा, "यह मुद्दा 12 जून को सिंगापुर में पटल पर नहीं रखा जाएगा और न ही रखा जाना चाहिए." न्होंने कहा हालांकि अगर राजनयिक अपना काम करते हैं, अगर हम खतरे को कम कर सकते हैं, अगर हम कुछ विश्वास निर्माण की दिशा में कदम उटा सकते हैं तो बेशक इस तरह के मुद्दे पर बाद में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच चर्चा हो सकती है. |
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