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शिलांग में हिंसा फैली, कर्फ्यू जारी, सेना का फ्लैग मार्च, 500 लोगों को फौज ने दी शरण

शिलांग में हिंसा फैली, कर्फ्यू जारी, सेना का फ्लैग मार्च, 500 लोगों को फौज ने दी शरण शिलांगः मेघालय की राजधानी शिलांग के कुछ हिस्सों में शनिवार को दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा. अशांत क्षेत्रों में सेना के फ्लैग मार्च के साथ ही रात भर हुई हिंसा और आगजनी के बाद कई लोगों को भी बचाया गया.

शिलांग में रात भर चली हिंसा के दौरान उग्र भीड़ ने एक दुकान के साथ एक मकान को आग के हवाले कर दिया और कम से कम पांच वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस हिंसा में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए. मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

रक्षा विभाग के प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने सेना से आग्रह किया कि प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च करें. सेना के जवानों ने फ्लैग मार्च किया और करीब 500 लोगों को बचाया जिसमें 200 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बचाए गए लोगों को भोजन और पानी दिया गया और सेना की छावनी में उन्हें रखा गया है. सेना की छावनी में 101 एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी एस आहूजा ने प्रभावित लोगों से मुलाकात की.

मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और शिलांग में स्थिति सामान्य बनाने की अपील की. इस बीच खासी छात्र संघ (केएसयू), फेडरेशन ऑफ खासी जयंतिया एंड गारो पीपुल (एफकेजेजीपी) और हनीट्रेप यूथ काउंसिल ने स्थानीय लड़कों के साथ मारपीट में शामिल लोगों को सजा दिलाने और थेम मेटोर में अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाने की मांग की.

ड्यूटी पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधीक्षक (शहर) स्टीफन रिंजा पर एक सरिये से वार किया गया जिसके बाद उन्हें शिलांग के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. हिंसा में पुलिसकर्मी समेत कम से कम 10 लोग घायल हो गए जिसके बाद इलाके में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठने लगी. वहीं शहर के अशांत मोटफ्रन इलाके में पथराव करने वालों ने राज्य पुलिसकर्मियों पर हमला किया.

जिले के उपायुक्त पीएस दकहर ने बताया कि लुमदियेंगज्री पुलिस थाना और कैंटोनमेंट बीट हाउस क्षेत्र के तहत आने वाले 14 इलाकों में कल सुबह चार बजे से लगाया गया कर्फ्यू अब भी जारी है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. बस सहायक और तीन अन्य घायलों को अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
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