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औरंगाबाद के कार्यपालक अभियंता उमेश हुए सम्मानित, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को सराहा

औरंगाबाद के कार्यपालक अभियंता उमेश हुए सम्मानित, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को सराहा पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत 1,959.03 करोड़ रुपए के    2,096 पथों एवं 45 पुलों का शिलान्यास 1,113.30 करोड़ रूपी की 1,160 पथों एवं 28 पुलों का कार्यारंभ एवं 1,097.54 करोड़ रूपए के 853 पथों एवं 60 पुलों का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं आज ग्रामीण कार्य विभाग को बधाई देता हूं कि आज कई योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ एवं उद्घाटन किया गया है. ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा ग्रामीण सड़क निर्माण में तेजी लायी गई है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की इच्छा है कि हरेक गांवों, बसावटों एवं टोलों को पक्की सड़क से जोड़ दें, इसके लिए तेजी से काम चल रहा है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 से अटल जी के समय से जिस समय मैं भी केंद्र में मंत्री था, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरु की गई, यह एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत गांवों को सड़क से जोड़ने की योजना बनायी गई. जब मैंने यहां काम संभाला तो देखा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) का काम केंद्र की स्वीकृत एजेंसियां ठीक से नहीं कर रही थीं, इसके लिए केंद्र से बात किया और राज्य सरकार ने जब से जिम्मेवारी उठायी तो ग्रामीण सड़कों के निर्माण में तेजी आयी.

पीएमजीएसवाई के द्वारा 1000 की आबादी तक के गांवों को जोड़ना लक्ष्य था. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हम लोगों ने 500 तक को जोड़ने का लक्ष्य बनाया, बाद में केंद्र ने भी पीएमजीएसवाई 500 की आबादी तक को लक्ष्य में शामिल कर लिया. केंद्र ने नक्सल प्रभावित गांवों के लिए इसे 250 की आबादी तक के लिए शुरु किया.

मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना तहत 250 से 500 की आबादी तक को जोड़ने का काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो आंकड़े बताए गए हैं, उसके अनुसार 1,29,209 बसावटों में से 72,314 बसावटों को संपर्क प्रदान किया जा चुका है. शेष बचे हुए 56,133 बसावटों को संपर्कता प्रदान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में जो भी गांव छुटे रह गए हैं, उनको सड़क से जोड़ने का निर्णय मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के द्वारा अपने संसाधन से पूरा किया जाएगा. हमलोगों ने निर्णय किया कि टोलों को पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा इसमें गरीब, एससी/एसटी, अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब कार्यों के लिए ज्यादा धनराशि की जरुरत है, इसके लिए पांच देशों के संगठन ब्रिक्स के द्वारा स्थापित न्यू डेवेलपमेंट बैंक एवं वल्र्ड बैंक के पास ऋण प्राप्ति के लिए प्रपोजल दिया गया है. टोला संपर्क योजना के लिए नाबार्ड से ऑफ बजट 2800 करोड़ रुपए का ऋण 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया गया है, पैसे कि कमी नहीं की जाएगी.

सात निश्चय के अंतर्गत हर टोले को पक्की सड़क से जोड़ना, पक्की गली-नाली का निर्माण, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन पर काम किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार 89 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है और 76 प्रतिशत लोगों की आजीविका का साधन कृषि है.

हमलोगों ने हाल ही में तीसरे कृषि रोड मैप 2017-22 शुरु किया है, इसमें कृषि से संबंधित चीजों को तो शामिल किया गया है, इसके अलावा ग्रामीण सड़कों का निर्माण भी कृषि रोड मैप का अंग बनाया गया है. अगर हर गांव संपर्क से जुड़ जाएगा तो किसानों का पैदावार बाजार तक आसानी से पहुंच जाएगा और किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हो जाएगा.

हमारे कृषि रोड मैप का लक्ष्य है हमारे किसानों की आमदनी बढ़े. किसान से तात्पर्य कृषि कार्य से जुड़े हर उस व्यक्ति से है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सड़कों के निर्माण कार्य की स्थिति काफी दयनीय थी. ग्रामीण कार्य विभाग को हमलोगों ने दुरुस्त किया. गांवों को प्रथम चरण में एक तरफ से पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है और बाद में जरुरत के अनुसार दूसरे तरफ से भी जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. ग्रामीण कार्य विभाग अब एक किलोमीटर पर जो 90 लाख रूपए की राशि खर्च होती थी, उसको घटाकर 70 लाख रूपये तक लाया है. सड़कों के निर्माण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. प्लास्टिक के कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा रहा है, जिससे सड़क में मजबूती भी आ रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ग्रामीण कार्य विभाग को सड़कों के मेंटेनेंस की तरफ ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं. सड़क निर्माण के समय लोगों में खुशी होती है लेकिन सड़क टूटने पर काफी दुख होता है. सड़क आवागमन के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है. सड़कों के निर्माण में मेंटेनेंस पॉलिसी को एडॉप्ट करना चाहिए. प्रत्येक सड़क के एक-एक इंच के मेंटेनेंस पर ध्यान देने की जरुरत है. ग्रामीण सड़कों पर भारी वाहनों का आवागमन भी काफी हो रहा है. निर्माण कार्य के समय से ही मजबूती का ध्यान रखना होगा।. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के फेज-2 के तहत सड़कों का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ीकरण के लिए प्लान तैयार किया गया है.

मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के आगे के कार्यों का प्लान शुरु करना चाहिए, जो भी सड़क बॅटा हुआ है, उसको पूर्ण करना है, चाहे जो भी पैसा लगे. टोला संपर्क योजना के तहत टोला को सड़क से जोड़ा जा रहा है और उसके भी मेंटेंनेंस पर उतना ही जोर देने की जरुरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा भी एक महत्त्वपूर्ण विषय है, ग्रामीण कार्य विभाग इस पर भी ध्यान दे और सड़कों के निर्माण के समय से ही इस पर सतर्क रहे.

सड़क के दोनों तरफ वृक्ष लगाए ताकि सड़क  की  मजबूती तो होगी ही साथ ही पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह काफी महत्त्वपूर्ण होगा. तेजी से बढ़ने वाले वृक्षों को लगाने की जरुरत है. 2-3 वर्षों तक ग्रामीण कार्य विभाग खुद इसकी निगरानी करे और वृक्ष लगाने    में पहल करे. पर्यावरण के साथ काफी छेड़छाड़ किया जा रहा है, हमलोग अपने प्रयास से इसकी भरपाई कर सकते हैं और इससे नई पीढ़ी में भी वृक्षारोपण के प्रति जागृति आएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समारोह में जिन लोगों को पुरस्कृत किया गया है, उन्हें मैं बधाई देता हूं. इस निर्माण कार्य में नीचे के स्तर पर जो बेहतर काम करते हैं, उनको भी ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहिए. मुझे पूरा विश्वास है कि ग्रामीण कार्य विभाग में जिस तरह से कार्य में सजगता और तेजी आई है उसमें और वृद्धि आएगी. मुख्यमंत्री का स्वागत ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया. ग्रामीण कार्य विभाग पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया.

मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए औरंगाबाद के कार्यपालक अभियंता उमेश कुमार सहित अभियंताओं एवं परियोजना प्रबंधकों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम को ग्रामीण कार्य मंत्री  शैलेश कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर विधायक सुबोध राय, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय  अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित पदाधिकारीगण, ग्रामीण कार्य विभाग के औरंगाबाद के अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार मिश्र, कार्यपालक अभियंता उमेश कुमार, सहायक अभियंता सतीश चंद्र, दिनेश प्रसाद सिंह सहित अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
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