ट्रंप-किम शिखरवार्ता से पहले उत्तर कोरिया ने तीन अमेरिकी कैदियों को किया रिहा

ट्रंप-किम शिखरवार्ता से पहले उत्तर कोरिया ने तीन अमेरिकी कैदियों को किया रिहा प्योंगयांगः उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन वाकई बदल गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने को लेकर वह कितने उत्साहित हैं इसका असर उनके फैसलों में साफ देखा जा रहा है. शायद यही वजह है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच ज़मी दुश्मनी की बर्फ़ पिघलती हुई महसूस होने लगी है. उत्तर कोरिया ने तीन अमेरिकी नागरिकों को अपनी क़ैद से रिहा कर दिया है.

यह जानकारी खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी है. ट्रंप ने ट्वीट किया, ''मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो इस समय उत्तर कोरिया से वापस आने वाले विमान में हैं और उनके साथ तीन अमेरिकी नागरिक मौजूद हैं, जिनसे मिलने का सभी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. उन सभी का स्वास्थ्य ठीक है. इसके साथ ही किम जोंग उन के साथ मुलाकात की जगह और तारीख़ भी तय हुई है.''

डोनाल्ड ट्रंप ने एक और ट्वीट में कहा कि, ''विदेश मंत्री पोम्पियो और उनके साथ लौट रहे तीनों मेहमान सुबह 2 बजे (अमेरिकी समयानुसार) एंड्रयूज एयर फोर्स बेस पर पहुंचेंगे, मैं खुद वहां मौजूद रहूंगा, मैं उनसे मिलने के लिए बेहद उत्साहित हूं.''

उत्तर कोरिया के इस कदम को डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच होने वाली ऐतिहासिक मुलाक़ात से पहले एक सद्भावना संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

उत्तर कोरिया ने जिन तीन अमरीकी नागरिकों को रिहा किया है उनके नाम हैं, किम हक-सोंग, टोनी किम और किम डोंग-चुल.

इन तीनों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों को चलते जेल में डाल दिया गया था और उन्हें लेबर कैम्प में रखा गया था.
किम हक-सोंग

किम हक-सोंग को मई 2017 में उनकी संदिग्घ देश विरोधी गतिविधियों के चलते पकड़ा गया था. इससे पहले उन्होंने खुद को क्रिश्चियन मिशनरी का आदमी बताया था जो प्योंगयांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीयूएसटी) में एक फॉर्म शुरू करना चाहते थे.

टोनी किम का दूसरा नाम किम सैंग-डक है, वे भी प्योंगयांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पीयूएसटी) में काम करते थे. उन्हें अप्रैल 2017 में जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार टोनी किम उत्तर कोरिया में लोगों की मदद करने का काम किया करते थे.

किम डोंग-चुल अपनी उम्र के 60 वें पड़ाव की शुरुआत में एक पादरी थे. उन्हें साल 2015 में जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और 10 साल तक कड़े कारावास की सज़ा सुनाई गई थी.

इस बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति भवन ब्लू हाउस ने उत्तर कोरिया से अमेरिकी कैदियों की रिहाई का स्वागत करते हुए कहा कि इस कदम से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आगामी वार्ता पर 'सकारात्मक' प्रभाव पड़ेगा.

ब्लू हाउस के प्रवक्ता यून यंग-चान ने छह दक्षिण कोरियाई बंदियों को रिहा करने के लिए प्योंगयांग में अधिकारियों से भी मुलाकात की थी. दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच सुलह को मजबूत करने और कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति फैलाने के लिए, हम दक्षिण कोरियाई बंदियों की तेजी से वापसी की कामना करते हैं, यून ने एक बयान में कहा.
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