'आजादी' कभी नहीं, तुम हमसे नहीं लड़ सकते: कश्मीरी युवाओं से सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत
जनता जनार्दन रक्षा संवाददाता ,
May 10, 2018, 9:52 am IST
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नई दिल्ली: कश्मीर में आजादी के नाम पर अशांति फैलाने वालों को भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कड़ा संदेश दिया है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बिपिन रावत ने कहा है कि अब समय आ गया है कि कश्मीरी युवाओं को यह बता दिया जाए कि अगर वह अलगाव का रास्ता अपनाना चाहते हैं, तो यह जान जाएं कि 'आजादी' कभी नहीं, तुम हमसे नहीं लड़ सकते.
उन्होंने कहा कि हमें गोली चलाने या बल प्रयोग करने में कोई आनंद नहीं आता है लेकिन अगर हमसे लड़ोगे तो हम अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे. भारतीय सुरक्षाबल इतने क्रूर नहीं हैं, सीरिया और पाकिस्तान को ही देख लीजिए. वो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए टैंक और हवाई ताकत का इस्तेमाल करते हैं. कश्मीर के युवाओं को लेकर चिंता जाहिर करते हुए आर्मी चीफ ने कहा, ''जो लोग युवाओं को ये बता रहे हैं कि बंदूक उठाने से आजादी मिलेगी वो उन्हें गुमराह कर रहे हैं. इससे कुछ नहीं मिलेगा, आप सेना से मुकाबला नहीं कर सकते.'' जिन्हें आजादी चाहिए हम उनसे हमेशा लड़ते रहेंगे, ये (आजादी) कभी नहीं होने वाला. आर्मी चीफ ने कहा, ''हम समझते हैं कि इसका कोई सैन्य हल नहीं हो सकता. इसीलिए हम चाहते हैं कि नेता और राजनीतिक प्रतिनिधि गावों में जाएं खासकर दक्षिण कश्मीर में. लेकिन वो लोग डरे हुए हैं कि उन पर हमला हो जाएगा. ये तभी हो सकता है जब शांति हो. हमें उम्मीद है लोग जल्द समझ जाएंगे कि ये सब (आजादी) बेकार है और दूसरे तरीके से सोचना शुरू करेंगे.'' आर्मी चीफ ने कहा कि वो 'मिलिट्री ऑपरेशन'को खत्म करने के लिए तैयार हैं लेकिन इस बात की गारंटी कौन लेगा कि हमारे जवानों पर गोली नहीं चलेगी. कौन गारंटी लेगा कि पुलिसवाले, राजनीतिक कार्यकर्ता, छुट्टी पर घर जा रहे हमारे जवानों पर हमले नहीं होंगे. आर्मी चीफ ने लेफ्टिनेंट उमर फैय्याज को याद करते हुए कहा, ''बिना हथियारों के घर लौट रहे हमारे जवान मारे गए. हमने उनके हत्यारों को मारा इसमें हमें चार जवानों को खोना पड़ा. पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं. राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है.'' आर्मी चीफ रावत के मुताबिक, ''एक बार हमारे ऊपर पत्थर फेंका गया, एक बार हमारे ऊपर गोली चलाई गई तब कड़ाई से जवाब देने के बजाए हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचता. |
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