आंधी-तूफान से उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही, 69 लोगों के मारे जाने की खबर
जनता जनार्दन संवाददाता ,
May 03, 2018, 12:23 pm IST
Keywords: Dust storm Delhi Rainfall Delhi dust storm Storm destruction Dust storm destruction Rainfall destruction भारत में आंधी-तूफान भयंकर तबाही तूफान जनजीवन अस्त-व्यस्त दिल्ली में तूफान
नई दिल्ली: कल शाम को पूरे उत्तर और पश्चिम भारत में तेज गति से आए आंधी-तूफान ने भयंकर तबाही मचाई, जिससे अब तक अड़सठ से भी अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बुधवार शाम आए आंधी-तूफान से कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए और फसलों को काफी नुकसान हुआ है.
आंधी-तूफान ने ग्रामीण इलाकों में भारी तबाही मचाई. तूफान में अब तक 36 लोगों के मारे जाने की सूचना है जबकि दर्जनों घायल हैं. पूरे प्रदेश में कुल 45 लोगों की मौत हुई है. वहीं, तूफान में कई मवेशियों के भी मारे जाने की सूचना है.
जानकारी के अनुसार बुधवार बुधवार शाम को जबरदस्त आंधी-तूफान के साथ बारिश आने से लोग अपने घरो में दुबकने को मजबूर हो गए. आंधी एवं बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. लगभग आंधे घंटे तक आंधी तूफान ने शहर में जमकर तबाही मचाई. कई स्थानों पर विशालकाय पेड़ उखड़ गए और टीन शेड, होर्डिंग कागज की तरह उड़कर दूर जा गिरे. आंधी के समय अचानक अंधकार छा गया और रात जैसा नजारा हो गया. आंधी में पेड़ उखने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. इसके अलावा सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात भी प्रभावित रहा.
आंधी के कारण मुजफ्फरनगर, देवबंद, बडगांव, नानौता आदि क्षेत्रो में कई जगह पेड़ टूटकर गिर गए. आंधी-तूफान के बाद आई तेज बारिश के कारण व्यापारियों ने भी अपनी दुकाने समय से पहले बंद कर दी. आंधी और बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. आंधी के कारण आम की फसल पर बुरा असर पड़ा है. इसके अलावा सब्जियों की फसल चौपट हो गई. राजस्थान में बुधवार को आई आंधी और तूफ़ान ने काफ़ी नुकसान पहुंचाया है. 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चली हवाओं की वजह से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 27 लोगों की मौत हो गई है. तेज़ हवा की वजह से कई जगह पेड़ उखड़ कर गिर गए, जिससे बिजली के खंभों को नुक़सान पहुंचा है. लिहाज़ा अलवर में बुधवार रात से ही बिजली नहीं है. वहीं तूफान की वजह से यूपी में भी काफी नुकसान पहुंचा है. सबसे ज़्यादा असर राज्य के बरेली, पीलीभीत, सहारनपुर और बिजनौर में पहुंचा है. यहां भी कुछ लोगों की मौत की ख़बर है.
वहीं सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि मैंने सभी मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों से प्रभावित इलाक़ों में तुरंत राहत अभियान शुरू करने और सेवाएं बहाल करने को कहा है. ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, हमलोग हालात से निपटने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अलवर में गुलाबचंद कटारिया जी, धौलपुर में अरुण चतुर्वेदी, भरतपुर में कालीचरण सर्राफ़ और झुंझुनू में सुरेन्द्रपाल सिंह हालात पर नज़र रखेंगे. सरकार इस घड़ी में लोगों के साथ मज़बूती से खड़ी है.
राजस्थान के अलग-अलग जिलों के कलेक्टरों के अनुसार, भरतपुर में 12 धौलपुर में 10 और अलवर में पांच लोगों की मौत हुई है. इस आंधी से सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्वी हिस्सा हुआ है. ज़्यादातर लोगों की मौत छत गिरने या मिट्टी के मकान गिरने से हुई है. रात के वक्त आंधी तूफान आने के कारण ज़्यादातर लोग घर में ही सो रहे थे जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ी है. स्टेट डिज़ास्टर रिलीफ़ फ़ोर्स को राहत के काम में लगाया गया है. एक-एक टीम भरतपुर, धौलपुर और अलवर भेजी गई हैं.
इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और फौरी राहत के तौर पर 4300 रुपये देने का एलान किया गया है. धौलपुर में मिट्टी के बने 40 मकान बिजली गिरने से जलने की भी ख़बर है. यहां एक कॉलेज का गेट गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई. भरतपुर के अलावा अलवर और धौलपुर में भी काफ़ी तबाही हुई है. इन ज़िलों में कई इलाक़ों में कच्चे मकान, दर्जनों बिजली के खंभे और पेड़ धाराशायी हो गए. अलवर में बुधवार रात से ही बिजली गुल है. आंधी की वजह से कई जगहों पर वाहनों की आपस में टक्कर भी हुई. खेतों में तैयार फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं उत्तराखंड के चमोली में बुधवार शाम बादल फटने से भारी तबाही की ख़बर है. नारायणबगड़ में कई दुकानें मलबे से पट गईं. तीन गाड़ियों के मलबे में दबने की भी ख़बर है.पीने के पानी की पाइपलाइन को भी नुकसान पहुंचा है. बारिश कम होने पर ख़ुद ही लोगों ने किसी प्रकार मलबा साफ किया. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी बुधवार को जोरदार बारिश हुई. इतने काले बादल छाए कि दिन में अंधेरा हो गया. कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई, जिससे सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है. दिल्ली-एनसीआर में तेज़ आंधी के बाद हुई बारिश ने गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत दी है. तापमान में गिरावट से गर्मी की तपिश कुछ कम हुई है. बारिश की वजह से कुछ फ़्लाइट्स में भी देरी हुई. दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री था लेकिन बारिश के बाद तापमान घटकर 27 डिग्री के क़रीब आ गया. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|