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गूगल, स्मार्ट कार्ड लॉबी नहीं चाहती कि सफल हो आधार: सुप्रीम कोर्ट में यूआईडीएआई

गूगल, स्मार्ट कार्ड लॉबी नहीं चाहती कि सफल हो आधार: सुप्रीम कोर्ट में यूआईडीएआई नई दिल्लीः भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दावा किया कि गूगल और स्मार्ट कार्ड सहित निजी कंपनियां नहीं चाहतीं कि आधार योजना सफल हो. इसके साथ ही यूआईडीएआई ने योजना के तहत एकत्रित डाटा को चुनाव में फायदा लेने के लिए मतदाताओं की प्रोफाइल बनाने की आशंका को भी सिरे से खारिज कर दिया.

आधार को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इस दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा, अगर आधार प्रमाणीकरण के दौरान एकत्र आंकड़ों का इस्तेमाल चुनाव को प्रभावित करने के लिए होता है, तो इससे लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। उनके इस विचार से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी सहमति जताई. पीठ के एक अन्य सदस्य ने कहा, यह खतरा नहीं, बल्कि वास्तविकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, हाल में कैम्बिज एनालिटिका पर फेसबुक के डेटा से अमेरिकी चुनाव और ब्रेग्जिट  जनमत संग्रह को प्रभावित करने का आरोप लगा।

जजों के विचार पर असहमति जताते हुए यूआईडीएआई और गुजरात सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा,आधार की व्यवस्था फेसबुक, गूगल से अलग है। यह इन कंपनियों की तरह यूजर्स की गणना करने वाली व्यवस्था नहीं है। यूआईडीएआई किसी को भी डेटा तक पहुंच नहीं देता। बल्कि केवल हां या नहीं में अनुरोधों को प्रमाणित करता है।

द्विवेदी ने दावा किया कि स्मार्ट कार्ड कंपनियां अपने वाणिज्यिक हितों की वजह से आधार योजना को सफल नहीं देखना चाहती है। अगर भारत में आधार का प्रयोग सफल हुआ, तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा। उन्होंने कहा, सिंगापुर पहले ही बायोमेट्रिक आधारित पहचान पत्र की ओर रुख कर चुका है। द्विवेदी ने कहा, वह चाहते हैं कि भारतीय यूआईडीएआई पर भरोसा करें और प्राधिकरण आश्वस्त करता है कि उनका डेटा सुरक्षित है.

इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा,अदालत को उपलब्ध डेटा में हस्तक्षेप को लेकर चिंता है। इसलिए हम देखना चाहते हैं कि सुरक्षा के क्या उपाय किए गए है। इस पर द्विवेदी ने कहा, आधार के डेटा तक तीसरे पक्ष की पहुंच नहीं है.

उन्होंने याचिकाकर्ताओं की उस आपत्ति को भी खारिज कर दिया कि आधार में व्यक्ति की पहचान एक संख्या भर रह गई है. उन्होंने कहा, यह सभी बैंक अकाउंट, हवाई टिकट सहित सभी सेवाओं के लिए होता है.

निजी संस्थाओं मसलन बैंक और फोन कंपनियों के प्रति चिंता पर यूआईडीएआई ने कहा, यह समय है कि शीर्ष अदालत निजी संस्थानों को जवाबदेह बनाए. उन्होंने कहा, वे भी कानून से बंधे हैं. कोई खामी होने पर उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी.
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