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आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा की मांग को लेकर राज्यव्यापी बंद, सड़कें सूनी, तनाव

आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा की मांग को लेकर राज्यव्यापी बंद, सड़कें सूनी, तनाव विशाखापत्तनमः आज आंध्र प्रदेश बंद है. सड़कें सूनी हैं या फिर उनपर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है. राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर होडा साधना समिति ने आज आंध्र प्रदेश बंद का ऐलान किया है. सुबह होते ही राज्य में अलग-अलग जगह प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. तिरुपति में आरटीसी बस स्टैंड के पास प्रदर्शनकारियों ने एक मोटरसाइकिल में लगाई आग. इस विरोध प्रदर्शन का विपक्षी दल भी समर्थन कर रहे हैं.

विशेष राज्य की मांग के साथ सोमवार सुबह आंध्र प्रदेश प्रत्येक होडा साधना समिति से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे. आंध्र प्रदेश बंद के चलते कर्नाटक परिवहन की बसें केवल आंध्र प्रदेश सीमा तक ही जाएंगी. राज्य में एहतियातन पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है.

आंध्रप्रदेश में बंद के दौरान आंदोलनकारियों ने तिरुपति में एक आरटीसी बस को आग लगा दी. इसके चलते पुलिस ने आंदोलनकारियों को तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग किया. इलके अलावा पुलिस जगह-जगह आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर रही है.

दूसरी ओर पुलिस ने विजयनगरम में आरटीसी डिपो के सामने धरना दे रहे वाईएसआरसीपी के नेता और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. इसके चलते डिपो के सामने तनाव की स्थिति है.

विशेष दर्जा के समर्थन में आंध्रप्रदेश में बंद, डिपो के बाहर नहीं निकली आरटीसी की बसें. कृष्णा जिले में आरटीसी बसें डिपो तक ही रह गयी हैं वाईएसआरसीपी के नेता के. पार्थसारथी, मल्लादि विष्णु, भव कुमार, सीपीएम के नेता पी. मधु, बाबुराव, सीपीआई के नेता रामकृष्ण, शंकर, चलसानी श्रीनिवास के नेतृत्व में बंद मनाया जा रहा है.

जिले के 14 डिपो परिधि की लगभग 1600 बसें नहीं चल रही हैं. जग्गय्यापेट में वाईएसआरसीपी के जिला अध्यक्ष सामिनेनी उदयभानु के नेतृत्व में बस डिपो के सामने धरना दिया गया. सुबह 5 बजे से वाईएसआरसीपी, वामदल, कांग्रेस और जन सेना के नेता और कार्यकर्ता बस डिपो के सामने आकर धरने पर बैठ गये हैं. बंद चलते पुलिस ने भारी बंदोबस्त किया है.

वाईएसआर कडपा जिले में बंद सफल है. बसें नहीं चल रही हैं. वाईएसआरसीपी एमएलसी डीसी गोविंद रेड्डी, पार्टी के नेता वेंकटसुब्बय्या अन्य ने भाग लिया.। इनके अलावा महापौर सुरेश बाबू, नगर अध्यक्ष पुलि सुनील कुमार, पूर्व एमएलसी पोचमरेड्डी सुब्बा रेड्डी व अन्य ने बंद भाग लिया.

वाईएसआरसीपी के नेता वाई. वेंकटरामि रेड्डी के नेतृत्व में बस डिपो के सामने धरना दिया गया. साथ नेल्लूर राष्ट्रीय राज मार्ग पर धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसके चलते इस मार्ग पर पूरे वाहन लंबी कतारों में रोक दिये गये हैं.

कृष्णा जिले में आरटीसी बसें डिपो तक ही सिमट गयी हैं. वाईएसआरसीपी के नेता के. पार्थसारथी, मल्लादि विष्णु, भव कुमार, सीपीएम के नेता पी. मधु, बाबुराव, सीपीआई के नेता रामकृष्ण, शंकर, चलसानी श्रीनिवास के नेतृत्व में बंद मनाया जा रहा है. जिले के 14 डिपो परिधि के लगभग 1600 बसें नहीं चल रही है.

जग्गय्यापेट में वाईएसआरसीपी के जिला अध्यक्ष सामिनेनी उदयभानु के नेतृत्व में बस डिपो के सामने धरना दिया गया. सुबह 5 बजे से वाईएसआरसीपी, वामदल, कांग्रेस और जन सेना के नेता और कार्यकर्ता बस डिपो के सामने आकर धरने पर बैठ गये है. बंद चलते पुलिस ने भारी बंदोबस्त किया है.

विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस और वामदल भी इस बंद का समर्थन कर रहे हैं. इससे पहले भी अपनी मांग को लेकर तेलुगू देशम पार्टी के कार्यकर्ता पीएम आवास के सामने भी प्रदर्शन कर चुके हैं. इसी मुद्दे पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पांच सांसद लोकसभा से इस्तीफा भी दे चुके हैं.

आंध्र को स्‍पेशल स्‍टेटस के मुद्दे पर टीडीपी ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था. पार्टी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था लेकिन लाया नहीं जा सका. टीडीपी की मांग को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा, तो बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत तमाम राज्य ऐसी मांग कर सकते हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र में शामिल अपने मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा था.

हालांकि भारत के संविधान में किसी राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने का प्रावधान नहीं है, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों को आर्थिक रूप से सहायता दी है. इस विशेष दर्जे के तहत किसी केंद्र प्रायोजित योजना के लिए जरूरी फंड का 90 फीसद केंद्र ही देता है. सामान्य दर्जे वाले राज्यों को केंद्र सरकार 60 फीसद फंड देती है. बाकि फंड राज्य सरकार वहन करती हैं. एक्साइज ड्यूटी में छूट दी जाती है जिससे राज्य अपने क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों को आमंत्रित कर सकें.
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