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बलात्कार का आरोपी व डीजीपी का 'माननीय विधायक' कुलदीप सिंह सेंगर आखिरकार सीबीआई की हिरासत में, उच्चन्यायालय ने सरकार से पूछा था- इसे पकड़ने में देर क्यों?

बलात्कार का आरोपी व डीजीपी का 'माननीय विधायक' कुलदीप सिंह सेंगर आखिरकार सीबीआई की हिरासत में, उच्चन्यायालय ने सरकार से पूछा था- इसे पकड़ने में देर  क्यों? लखनऊः उन्नाव गैंगरेप मामले में सीबीआई ने आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में ले लिया है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार तड़के बीजेपी विधायक को उसके लखनऊ स्‍थ‍ित आवास से हिरासत में लिया. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने करीब सुबह 4.30 बजे विधायक को हिरासत में लिया.

जिसके बाद से ही लखनऊ के सीबीआई के दफ्तर में कुलदीप सेंगर से पूछताछ जारी है. सीबीआई आज ही कुलदीप सेंगर को कोर्ट में पेश कर सकती है. सीबीआई की तरफ से इस मामले में अभी तक तीन केस दर्ज किए गए हैं. कुलदीप सेंगर पर नाबालिग से रेप, पीड़िता के पिता की हत्या का केस और तीसरा केस विधायक सेंगर के परिवार की तरफ से जो भी शिकायत दी गई है.

इस बीच उन्नाव के बांगरमउ का यह भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भले ही बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहा था, लेकिन उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख के लिए वह अभी भी 'माननीय' था. पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'माननीय विधायकजी के विरूद्ध जो बलात्कार का आरोप लगाया गया है.'

उनके ऐसा कहने पर पत्रकारों ने आपत्ति की कि बलात्कार के आरोपी को माननीय विधायक जी क्यों कहा जा रहा है, ओपी सिंह ने हालांकि, बचाव की मुद्रा में आते हुए कहा कि आरोपी को सम्मान इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि वह विधायक हैं. वह अभी तक दोषी नहीं हैं. उनके खिलाफ आरोप भर लगा है और मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जा रहा है. अब सीबीआई गुण दोष के आधार पर तय करेगी कि विधायक को गिरफ्तार किया जाये या नहीं.

सीबीआई की टीम ने इस मामले को अपने हाथ में लेते ही एक्शन करना शुरू कर दिया है. सीबीआई की टीम शुक्रवार सुबह पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंची. सीबीआई की टीम उन्नाव के एक होटल में परिवार से मुलाकात कर रही है. बताया जा रहा है कि सीबीआई के करीब 7 अफसर परिवार से मिलने पहुंचे हैं.

याद रहे कि उन्नाव गैंगरेप मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सूबे की योगी सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि विधायक को गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं? तब कोर्ट को जवाब देते हुए योगी सरकार ने कहा था कि वह आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार नहीं कर सकती है क्योंकि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. यूपी सरकार की तरफ से केस लड़ रहे एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से कहा कि उन्नाव रेप केस में बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं.

इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से यह भी कहा कि कानून के अनुसार जो कार्रवाई की जानी चाहिए वह सरकार कर रही है. इतना ही नहीं इस मामले की जांच में जुटी एसआईटी ने कोर्ट से कहा था कि अगर उनके पास आरोपी विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत होते तो वे उन्हें गिरफ्तार कर लेते. इसके साथ ही एसआईटी ने यह भी कहा कि अब यह मामला सीबीआई के पास चला गया है जिसके कारण हम आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं.

बता दें, केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश मंजूर करते हुए गुरुवार की शाम इस केस की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने का आदेश जारी किया था. इससे पहले हाई कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोपी विधायक पर उन्नाव के माखी थाने में बुधवार देर रात आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और पॉक्सो कानून की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

एफआईआर दर्ज होने के बाद पीड़ित लड़की की बहन ने  आरोपी विधायक की गिरफ्तारी की मांग की थी. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मेरे पिता को मारने वाले और इस साजिश को रचने वालों को फांसी होनी चाहिए. पीड़िता की बहन ने कहा कि इस मामले में जांच होनी चाहिए, जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए. हमें अब इस सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है.

बता दें, चौतरफा दबाव के बाद यूपी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया था. बता दें, गृह विभाग ने पीड़िता के पिता की मौत की जांच की सिफारिश भी सीबीआई से की है.

इस मामले में उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर सस्पेंड किए गए थे. इसके अलावा जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर गाज गिरी है. इनपर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है. वहीं, सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किए गए हैं. बता दें, इस मामले में लापरवाही बरतने को लेकर यूपी सरकार सबके निशाने पर है.  

इससे पहले बुधवार शाम को लखनऊ एसएसपी के आवास के बाहर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था. आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर देर रात बेहद नाटकीय घटनाक्रम के तहत लखनऊ के एसएसपी के घर पहुंचे. खबरें आ रही थीं कि सेंगर यहां सरेंडर करेंगे, लेकिन हुआ कुछ और. विधायक एसएसपी के घर पहुंचे जरूर, लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया. उल्टा उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि वे सिर्फ एसएसपी से मिलने आए थे. सरेंडर के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा पार्टी हाईकमान आदेश देगा, वे उसका पालन करेंगे.

एसएसपी के घर के बाहर सेंगर ने कहा कि, 'जांच रिपोर्ट में क्या है, मुझे नहीं मालूम. एसआइटी रिपोर्ट में क्या-क्या मामले आए हैं, इसका मुझे कुछ नहीं पता. यह कहा जा रहा है कि मैं भाग गया हूं, फरार हो गया हूं. इसलिए मैं यह दिखाना चाहता हूं कि मैं जनता का आदमी और जनता के बीच में हूं. इसीलिए मैं सामने आ रहा हूं.'

विधायक ने कहा कि, 'मुझे रेप का आरोपी बनाया गया है. मैं ये सपने में भी नहीं सोच सकता. मेरे खिलाफ साजिश की गई है. मेरा मीडिया ट्रायल किया गया है. मैं साजिश का शिकार हुआ हूं. मैं चाहता था कि निष्पक्ष जांच हो. मैंने कभी किसी पर दबाव नहीं बनाया. अगर मैं दोषी हूं या मेरा भाई गुनहगार है तो सजा मिलेगी. कानून के तहत सबको सजा मिलनी चाहिए. मैंने कोई गलत काम नहीं किया है. मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया. जो लोग आज चैनलों पर बातें कर रहे हैं, उनका कृत्य किसी ने नहीं देखा.'

इससे पहले लखनऊ रेंज के एडीजी राजीव कृष्ण ने उन्नाव से लौटकर अंतरिम रिपोर्ट डीजीपी को बुधवार शाम को सौंप दी थी. इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक एसआईटी को जांच में आरोपी विधायक के खिलाफ गैंगरेप के पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे.

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने कई अनियमितताएं कीं. रिपोर्ट में पुलिस को दोषी ठहराते हुए कहा गया कि विधायक के भाई के पक्ष में एकतरफा जांच की गई. इसके अलावा पीड़िता और उसके परिवार के बयान में भी अंतर पाया गया है.

4 जून 2017: पीड़िता को आरोप है कि इस दिन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया.

11 जून 2017: पीड़िता अपने घर से गायब हो गई.

12 जून 2017: उसकी मां ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पीड़िता को औरेया से बरामद किया. इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. जज के सामने धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज कराया गया.

30 जून 2017: पीड़िता के चाचा उसे लेकर दिल्ली गए. वहां पीड़िता ने अपनी चाची को इस घटना के बारे में बताया.

1 अगस्त 2017: उन्नाव पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी. इसके बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया.

17 अगस्त 2017: उन्नाव वापस आकर पहली बार पीड़िता ने गैंगरेप से संबंधित तहरीर थाने में दी. पुलिस ने जांच के बाद जज के सामने धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज कराया. इस बयान में पीड़िता ने आरोपी विधायक का नाम नहीं लिया था.

3 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता से साथ मारपीट की गई. जेल में पेट दर्द की शिकायत और खून की उल्टियां करने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. इसके बाद डीआईजी जेल लव कुमार और डीएम उन्नाव के इस मामले की जांच सौंपी गई.

12 अप्रैल 2018: डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि विधायकजी के खिलाफ दोष साबित नहीं हुआ है. उनके खिलाफ सिर्फ आरोप लगा है. पीड़िता की मां की तहरीर के आधार पर उन पर आईपीसी की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो कानून के तहत केस दर्ज किया गया है. इस केस की जांच की सिफारिश सीबीआई से की गई है.

बलात्कार के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ी 25 बड़ीं बातें

1- आजादी के बाद से ही अपने गांव की राजनीति पर कुलदीप परिवार का कब्जा रहा है. विरोधियों को पटखनी देने के लिए कुलदीप ने तमाम मोहरे तैयार किए थे. पीड़ित परिवार के लोग भी कभी उसके मोहरे थे. आज वही उसके खिलाफ हैं.

2- कुलदीप को राजनीति अपने नाना बाबू सिंह से विरासत में मिली थी.

3- कुलदीप के पिता मुलायम सिंह फतेहपुर के रहने वाले थे. कुलदीप के नाना के कोई बेटा नहीं था. इसलिए उन्होंने बेटी-दामाद को अपने पास ही बुला लिया. कुलदीप और उनके दो भाइयों मनोज सिंह और अतुल सिंह का यहीं जन्म हुआ और यहीं पले-बढ़े.

4- उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र के सराय थोक पर उनका ननिहाल है. वह यहीं आकर बस गए. कुलदीप सेंगर ने यूथ कांग्रेस से राजनीति की शुरूआत की.

5- 1987/88 में कुलदीप गांव के निर्विरोध प्रधान चुने गए तो उनकी उम्र 21 साल से कम बताकर विरोधियों ने चैलेंज कर दिया था. तब मेडिकल परीक्षण करके बताया कि वह 21 वर्ष के हैं. कुलदीप करीब सात साल तक प्रधान रहे.

6- गांव के प्रधानी पर करीब 59 साल से कुलदीप के परिवार का कब्जा है.

7- कुलदीप सिंह सेंगर लगातार चार बार से विधायक है और कभी चुनाव नहीं हारे. इतना ही नहीं तीन बार उनका निर्वाचन क्षेत्र अलग-अलग रहा है. कुलदीप 2002 में पहली बार सदर से विधायक बने.

8- 2007 में बसपा ने उन्हें निकाला तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया. सपा ने बांगरमऊ से टिकट दिया और वह फिर विधायक बने.

9- सपा ने 2012 में भगवंत नगर सीट से टिकट दिया और यहां से भी जीते. जिला पंचायत अध्यक्ष के टिकट पर कुलदीप का अखिलेश से मनमुटाव हो गया और भाजपा में चले गए. भाजपा ने बांगरमऊ से टिकट दिया और फिर विधायक चुने गए.

10- कुलदीप सिंह सेंगर ने 2007 में चुनावी घोषणा पत्र में संपत्ति 36 लाख बताई थी और 2012 में उनकी संपत्ति एक करोड़ 27 लाख की हो गई थी.

11- 2017 के चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक, उनकी संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख तक पहुंच गई.

12- विधायक कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्‍कार), 506(धमकाना) और पॉस्‍को एक्‍ट के तहत मामला दर्ज किया है.

13- मामला बीते आठ अप्रैल को तब खुला जब कथित बलात्कार पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. उसका आरोप था कि पुलिस भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं कर रही है.

14- भाजपा के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बुधवार देर रात अचानक राजधानी लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आवास के बाहर दिखे. ख़बर थी कि वह आत्मसमर्पण करेंगे लेकिन वह बिना आत्मसमर्पण के ही समर्थकों के साथ वापस चले गए.

15- कुलदीप सिंह सेंगर राजा भैया गुट के अहम सदस्य हैं. वहीं, सपा से बगावत कर पत्नी को संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया. इनके भाई मनोज सेंगर ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं.

16- कुलदीप सिंग सेंगर पर अवैध खनन और अवैध तरीके से टोल लगाकर वसूली करने का भी आरोप लग चूका है.

17- उन्नाव में एक चैनल के रिपोर्टर ने आरोपी विधायक के खिलाफ अवैध खनन की खबर दिखा जिस पर रिपोर्टर के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज कराये गए.

18- उन्नाव का कोई भी ठेका बिना कुलदीप सेंगर की मर्जी के किसी को नहीं मिल सकता है. साइकिल के ठेके से लेकर अवैध होटल चलाने और ऑटो स्टैंड से लेकर गाड़ियों से अवैध वसूली तक के कारोबार में विधायक का परिवार शामिल है.

19- चौदह साल पहले उन्नाव में किसी बात को लेकर विधायक पक्ष से एक पत्रकार की कहा-सुनी हो गई थी. इसे रोकने के लिए जब पुलिस पहुंची तो विधायक के भाई अतुल सेंगर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें डिप्टी एसपी को पेट में गोली लग गई थी.

20- सेंगर ठाकुर बिरादरी के नेता हैं और पीड़ित परिवार दलित है. सेंगर की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं,.

21- भाई ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं. कहा जाता है कि सेंगर प्रदेश भर के ठाकुर नेताओं समेत राजा भैया और सीएम योगी के भी करीबी हैं..

22- किसान परिवार से तालुक रखने वाले कुलदीप सिंह सेंगर का आभूषण का भी व्यापार है.  

23-22 जुलाई 2017 को पीड़िता ने पीएम-सीएम को चिट्ठी लिख विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था.

24-30 अक्टूबर 2017 को विधायक समर्थकों ने पीड़िता के परिवार पर मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालों पर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप लगाया.

25- अब इस मामले में सीबीआइ कुलदीप सेंगर से सवाल पूछ रही है. सेंगर को सीबीआई ने इंदिरा नगर स्थित उनके घर से करीब 4.30 बजे हिरासत में लिया है.
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