गुंजन फाउंडेशन के 'दस्तक-ए-दिल' कार्यक्रम में जावेद अली के रुहानी गीतों ने बांधा समां
विम्मी करण सूद ,
Apr 07, 2018, 10:03 am IST
Keywords: Gunjan Foundation Javed Ali Charitable Program Jashna-e-Dil Sushma Singhvi Swapna Sarthak School जावेद अली गुंजन फाउंडेशन चैरीटेबल कार्यक्रम दस्तक-ए-दिल सुषमा सिंघवी स्वप्न सार्थक स्कूल
नई दिल्लीः 'कुन फाया, कुन फाया' के सुर गूंजे मानो ऐसा लगा कि एक सूफियाना चादर ने सारे माहौल को ढक दिया हो। हाल ही में दिल्ली के सिरीफोर्ट आडिटोरियम में जावेद अली के रुहानी गीतों ने कुछ ऐसा ही समां बांध दिया था। मौका था गुंजन फाउंडेशन के चैरीटेबल कार्यक्रम ‘दस्तक-ए-दिल’ का जिसमें दिल्ली की जानी-मानी हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई। कार्यक्रम की मुख्य आयोजनकर्ता थीं ‘गुंजन फाउंडेशन’ की संस्थापक सुषमा सिंघवी।
इस गैर सरकारी संगठन 'गुंजन फाउंडेशन' की नींव सुषमा सिंघवी जी ने सन् 2004 में रखी थी ताकि समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को शिक्षा व हुनर के ज़रिए मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा सके। अल्प साधनों से आरंभ हुए इस वृहत उद्देश्य ने बहुत जल्द ही सामाजिक जागरूता के क्षेत्र में काम करते हुए बच्चों के लिए आठवीं तक के ‘स्वप्न सार्थक स्कूल’ की स्थापना की जिसमें आज 400 से अधिक बच्चे अपना भविष्य संवार रहे हैं और वह भी नि:शुल्क। अगर कहें कि गुड़गांव में चल रहे इस स्कूल ने आज शिक्षा की ऐसी अलख जगाई है जिसकी रोशनी में कमज़ोर तबके के बच्चों विशेषतौर से लड़कियों में न केवल आत्मसम्मान और सशक्तिकरण की लौ जगी अपितु उनके जीवन स्तर में भी बेहतर सुधार आया, तो कुछ भी अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालांकि 'गुंजन फाउंडेशन' का यह सफर आसान नहीं था पर कहते हैं न ‘मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौंसलों से उड़ान होती है’। किसी भी एनजीओ की बैक बोन होती है वित्तीय निधि जो लक्ष्य प्राप्ति में महत्वपूर्ण है। अत: गुंजन का भी यह प्रयास है ऐसे समवेशित नियोजनों द्वारा फंड जुटाना है, जो संस्था के ध्येय और यहां पढ़नेवाले बच्चों के भविष्य के लिए एक आधार बन सकें। क्योंकि उन्नत भारत का सपना पूरा करने के लिए ज़रूरी है आज के युवा उन कौशलों से वंचित ना हों जो देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं। और इसी स्वप्न को सार्थक करने इस संगीतमयी शाम ‘दस्तक-ए-दिल’ का आयोजन किया गया, जिसमें हरदिल अजीज़ जावेद अली ने अपने सुरीले गायन से समां बांध दिया। जावेद पिछले दो दशकों से हिंदी सिनेमा में अपना योगदान दे रहे हैं और इन्हें कई उत्कृष्ट पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया है जिनमें आईफा 2009 भी है। गौरतलब है कि इस संगीतमय शाम में दिया गया प्रत्येक आर्थिक योगदान गुंजन फाउंडेशन द्वारा संचालित स्वप्न सार्थक स्कूल के बच्चों के उत्थान और समग्र विकास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। |
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