मौका था पत्रकार नेताओं के सम्मान का, पर साथी पत्रकारों की व्यथा उभर ही आई, केंद्रीय मंत्रियों ने कहा, मदद करेंगे

मौका था पत्रकार नेताओं के सम्मान का, पर साथी पत्रकारों की व्यथा उभर ही आई, केंद्रीय मंत्रियों ने कहा, मदद करेंगे नई दिल्ली: यों तो यह मौका था नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई) की नई कार्यकारिणी के सदस्यों पदाधिकारियों के सम्मान का जिसे केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री ने अपने आवास पर आयोजित किया था, पर यह पत्रकारों द्वारा अपनी व्यथा सुनाने के मौके के रूप में परिवर्तित हो गया, जिसके बाद सरकार ने भी आज यह स्वीकार किया कि मीडिया संस्थानों में पत्रकार एवं गैर पत्रकार कर्मचारियों को अनुबंध पर नौकरी देने और मजीठिया वेतनबोर्ड का क्रियान्वयन न होने से उस समुदाय को दिक्कत हो रही है, जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है.

सरकार ने यह भी माना कि इसके समाधान के लिए विशेष प्रयास की ज़रूरत है, जिसके लिए उन्होंने अगले हफ्ते की शुरुआत में ही पत्रकार पदाधिकारियों को बुलाया है।

केन्द्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने नई दिल्ली में अपने आवास पर नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट और दिल्ली जर्नलिस्ट एसोसिएशन के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि वह पत्रकारों की समस्याओं से भिज्ञ हैं और हर हाल में उनकी मदद करने की कोशिश करेंगे. कार्यक्रम में जल संसाधन एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं सांसद धर्मेन्द्र कश्यप भी मौजूद थे।


कार्यक्रम में देश के जाने-माने पत्रकारों ने मंत्रियों को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में कामकाज की दशा और पत्रकारों की नौकरी, वेतन तथा सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा से जुड़े मसलों की जानकारी दी। वयोवृद्ध पत्रकार एवं एनयूजे आई के संस्थापक सदस्य रहे राजेन्द्र प्रभु, अच्युता नंद मिश्र, के. एन. गुप्ता और विजय क्रांति ने सम्मिलित रूप से कहा कि ठेके पर नौकरी के चलन ने पत्रकारों एवं पत्रकारिता को कमज़ोर कर दिया है। पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा नहीं है और उनका जीवन अनिश्चितता से भरा है। सरकार को इन विसंगतियों को दूर करने के लिए कुछ करना चाहिए।

महिला पत्रकारों की बात रखते हुए अदिति टंडन और सर्जना शर्मा ने उदाहरण के साथ कहा कि बड़ी से बड़ी महिला पत्रकार और एंकर को किसी भी दिन एक फोन करके नौकरी पर आने से मना कर दिया जाता है, ऐसे में आम पत्रकारों की स्थिति का अंदाज लगाया जा सकता है. घर और बाहर सभी मोर्चों पर दो-चार हो रही महिला पत्रकारों ने भी अपनी दिक्कतों से मंत्रीद्वय को अवगत कराया।

इस अवसर पर श्रममंत्री श्री गंगवार ने मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को सुचारु रूप से लागू करने, पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया संस्थानों में पत्रकारों को अनुबंध पर नियुक्त करने, मजीठिया वेतन बोर्ड को लागू करने से जुड़ी दिक्कतों और पत्रकारों की अन्य समस्याओं से अवगत कराया जाता रहा है। वह पत्रकारों की दिक्कतों को दूर करने को लेकर काफी संजीदा है और इस बारे में चर्चा करने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं। उन्होंने अगले सप्ताह पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए अपने कार्यालय में आमंत्रित भी किया।


केन्द्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि वह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं को लेकर बहुत गंभीर हैं। देश में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों को राहत एवं सुरक्षा देने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और वह 40 कानूनों को मिला कर चार कानून बनाने वाली है जिनमें श्रमजीवी पत्रकारों से जुड़े मामलों का भी ध्यान रखा जाएगा।

श्री मेघवाल ने माना कि यदि पत्रकार स्वतंत्र, सुरक्षित एवं निर्भीक नहीं रहेंगे तो लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं रहेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि संसद की विभिन्न समितियों की बैठक में ठेके पर नौकरियों एवं मजीठिया वेतन बोर्ड का मामला आता रहा है लेकिन पहले यह उतना गंभीर नहीं लगा लेकिन आज उन्हें इसकी गंभीरता का अहसास हुआ है। वह मानते हैं कि निश्चित रूप से पत्रकार समाज की सूरत में बदलाव आना चाहिए और सरकार इसके लिए गंभीरता से विचार करेगी।

संसदीय कार्यराज्य मंत्री ने इस विषय को ताकतवर मंत्री समूह, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली करते हैं के सामने उठाने की बात कही और कहा कि इतना महत्त्वपूर्ण होते हुए भी न जाने क्यों अब तक सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया था. पत्रकार समस्याओं को 'ग्रे एरिया' करार देते हुए उन्होंने इस दिशा में हरसंभव मदद करने और सदैव उपलब्ध रहने का भरोसा दिया.

श्री गंगवार और श्री मेघवाल ने इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र प्रभु, अच्युतानंद मिश्र और के. एन. गुप्ता सहित श्री हेमंत विश्नोई, राज्यसभा टीवी के संसदीय कार्यक्रम के प्रमुख श्री अरविंद कुमार सिंह, रवीन्द्र अग्रवाल, यूनीवार्ता के विशेष संवाददाता एवं यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राजकुमार मिश्रा, एनयूजे आई के अध्यक्ष अशोक मलिक, उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा, महासचिव मनोज वर्मा, कोषाध्यक्ष राकेश आर्य, पाँच्यजन्य के संपादक हितेश शंकर, दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनोहर सिंह सहित कई पत्रकारों को सम्मानित भी किया. कार्यक्रम की सफलता में डीजीए के महासचिव प्रमोद कुमार ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई. बहुत ही कम समय में आयोजित इस कार्यक्रम में राजधानी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश के भी कई प्रमुख पत्रकार शामिल हुए।
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