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देर रात मेघालय के राज्यपाल से मिल कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा

देर रात मेघालय के राज्यपाल से मिल कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा शिलांग: मेघालय विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस ने देर रात राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, और कहा है कि उनके द्वारा तय समय पर वह विधानसभा में बहुमत साबित कर देगी.

हालांकि बहुमत के लिए जरूरी 31 सीटों के जादुई आंकड़े से दूर कांग्रेस को चुनौती पेश करते हुए भाजपा भी यहां गैर-कांग्रेसी सरकार बनाने की जबरदस्त कवायद में जुट चुकी है. पिछले दिनों की बातों पर गौर करें तो गोवा और मणिपुर में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने में नाकाम रही थी.

ऐसे में मेघालय में सरकार बनाने को लेकर जहां भाजपा उत्साहित है, बावजूद इसके कि वह वहां काफी अल्पमत में है. मेघालय के परिणाम के बाद भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने शनिवार शाम कहा कि मेघालय में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है. वहां के विधायक जिसका समर्थन करेंगे उसकी सरकार बनेगी.

रविवार को निर्दलीय उम्मीदवार सैमुअल एस. संगमा ने हिमंत बिस्व सरमा से मिलकर भाजपा को समर्थन दिया है.

आपको बता दें कि सत्ताधारी कांग्रेस ने सूबे में 21 सीटों पर जीत दर्ज की है और अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है लेकिन यह संख्या बहुमत से 9 सीट कम है. ऐसे में सूबे की राजनीति किस कारवट लेगी ये देखना दिलचस्प होगा.

मेघालय की 60 सीटों में से कांग्रेस को 21 सीटें प्राप्त हुई है और दूसरी बड़ी पार्टी के तौर पर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के खाते में 19 सीटें आयीं हैं. कांग्रेस के पास विकल्प है कि वह एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बना ले.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ, अहमद पटेल को कांग्रेस नीत सरकार बनाने का तरीका ढ़ूंढने के लिए शनिवार शाम को ही शिलांग भेजा गया है. पार्टी के नेता मुकुल वासनिक यहां पहले से ही मौजूद हैं.

भाजपा ने किरण रिजीजू और केजे अलफोंस को मेघालय का पर्यवेक्षक बनाया है. भाजपा 19 सीटें जीतने वाली दिवंगत पीए संगमा की पार्टी एनपीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैयारी कर रही है.

खबरों की मानें तो मेघालय में भाजपा और एनपीपी के साथ बातचीत चल रही है. हालांकि इसके बावजूद भाजपा को निर्दलीय और स्थानीय पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी.
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