पीएनबी घोटाला मोदी राज की देन, सीबीआई एफआईआर में पकड़ा गया बीजेपी का झूठ, 2016-17 की हेराफेरी

पीएनबी घोटाला मोदी राज की देन, सीबीआई एफआईआर में पकड़ा गया बीजेपी का झूठ, 2016-17 की हेराफेरी नई दिल्लीः सरकारी पंजाब नेशनल बैंक जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे नीरव मोदी और उसके दोस्तों की कंपनियों पर लुटाता रहा, और नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा सरकार कान में तेल डालकर सोई रही.पीएनबी की नई शिकायत पर सीबीआई ने जो दूसरी एफआईआर दायर की है उसमें यह कहा गया है कि बैंक से इस पूरी रकम को लेने में 143 एलओयू का इस्तेमाल किया गया और ये सारे एलओयू 2016-2017 में जारी किए गए थे.

पीएनबी घोटाले में हर रोज नए मोड़ सामने आ रहे हैं. पीएनबी की नई शिकायत पर सीबीआई ने जो दूसरी एफआईआर दायर की है उसमें यह कहा गया है कि घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों के जरिए पंजाब नेशनल बैंक से लगभग 4,886 करोड़ रुपये प्राप्त किए. बैंक से इस पूरी रकम को लेने में 143 एलओयू का इस्तेमाल किया गया और ये सारे एलओयू 2017 में जारी किए गए थे. बीजेपी ने अपने बचाव में पहले कहा था कि यह घोटाला 2011 से चल रहा है.

इस केस की पहली एफआईआर में 8 एलओयू के जरिए 280.7 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही गई थी। अब सीबीआई ने पीएनबी से मिली नई जानकारी के आधार पुरानी एफआईआर में कई बातें जोड़ी हैं.

सीबीआई ने शुक्रवार को मेहुल चोकसी, नीरव मोदी के मामा और उसकी तीन कंपनियों के खिलाफ यह दावा करते हुए केस दर्ज किया कि इन लोगों ने 2017-18 में ही 143 एलओयू जारी करवाते हुए पीएनबी को 4,886.72 करोड़ रुपये की चपत लगाई, मामले में 31 जनवरी को दर्ज की गई पहली एफआईआर में बताया गया है 2017 में 8 एलओयू के जरिये 280.7 करोड़ की हेराफेरा हुई, एफआईआर में सीबीआई ने बुधवार को पीएनबी की तरफ से दी गई जानकारी जोड़ी और पहली एफआईआर में कुल नुकसान 6,498 करोड़ का बताया.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने पीएनबी घोटाले को लेकर पीएम मोदी पर गहरा तंज कसा है। उन्होंने पीएम के पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा, “हमारे देश के चौकीदार पकौड़े बनाने की सलाह दे रहे हैं, आज के हालात ये हैं कि चौकीदार सो रहा है और चोर भाग गया है.”

उन्होंने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर सीधे तौर पर इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्रोनी कैपिटलिज्म को संस्थागत बना दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि धोखाधड़ी करने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए क्रेडिट सीमा बढ़ा दी गई. उनका सीधा आरोप था कि सरकार जानती थी कि देश को लूटा जा रहा है, फिर भी उन्होंने इस पर आंखें मूंद रखी थीं.

उन्होंने बीजेपी के उस बयान को भी बरगलाने वाला बताया जिसमें उसने कहा था कि यह घोटाला 2011 से चल रहा था। सिब्बल ने सीबीआई के एफआईआर का हवाला देते हुए कहा कि कर्ज के लिए सारे एलओयू 2016-17 में जारी किए गए थे.

पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएम मोदी की विदेश यात्रा के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया था. इसे लेकर कपिल सब्बिल ने अपने हमलावर अंदाज में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह बात बताने में क्यों डर लग रहा है कि उनकी विदेश यात्राओं पर उनके साथ कौन-कौन गया था.

हर तरह से जोड़कर पीएनबी को हुआ नुकसान 11400 करोड़ का बैठा। सीबीआई ने यह भी कहा कि जब से मामले के आरोपी नीरव मोदी और उनके रिश्तेदार एलओयू को रिन्यू करवाकर हेराफेरी कर रहे थे, उस दौरान 2017 में कई पुराने एलओयू भी रिन्यू कर दिए गए. सीबीआई ने मामले में शुक्रवार को पीएनबी के चार अधिकारियों से पूछताछ की। इन अधिकारियों के द्वारा 2014 से लेकर 2017 के बीच मोदी और उनकी कंपनियों के बीच डील कराने को लेकर जांच की जा रही है.

इनमें मुंबई के नरीमन प्वॉइंट शाखा के मुख्य प्रबंधक बेचू बी तिवारी ने फरवरी 2015 से अक्टूर 2017 के बीच डील करवाई, बैंक मौजूदा डीजीएम और तत्कालीन ब्रैंडी हाउस ब्रांच के एजीएम संजय कुमार प्रसाद पर मई 2016 से मई 2017 के बीच डील कराई, तत्कालीन समवर्ती लेखा परीक्षक मोहिंदर के शर्मा पर नवंबर 2015 से 2017 और तत्कालीन सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खारात जो कि उस समय ऑफिस चला रहे थे, उन पर नवंबर 2014 से दिसंबर 2017 के बीच डील कराने के आरोपों को लेकर पूछताछ चल रही है.

शुक्रवार को चोस्की के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी बैंक अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी और मनोज खारात ने आरोपी कंपनियों और निर्देशकों के लिए 2017-18 के दौरान 4886.72 करोड़ रुपये के घोटाले के लिए प्रशय दिया. एफआईआर में चोस्की समेत 16 आरोपियों के नाम शामिल हैं.
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