असफलता छिपाने हेतु साहेब मोदी का संसद में लंबा भाषण, लेकिन राफेल पर चुप्पीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

असफलता छिपाने हेतु साहेब मोदी का संसद में लंबा भाषण, लेकिन राफेल पर चुप्पीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में भाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की ओर से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा में पीएम मोदी ने राजनीतिक भाषण दिया. उन्होंने शहीदों पर एक शब्द नहीं कहा.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सौदे को लेकर ट्वीट के जरिये सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'अति गोपनीय (वितरण के लिए नहीं). आरएम (रक्षा मंत्री) कहती हैं कि प्रत्येक राफेल विमान के लिए प्रधानमंत्री और उनके 'भरोसेमंद' मित्र के बीच हुई बातचीत एक राजकीय गोपनीयता है.'

राहुल ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में इस मुद्दे पर संवाददाताओं से कहा था, ‘मोदीजी ने व्यक्तिगत रूप से यह सौदा करवाया. मोदीजी व्यक्तिगत रूप से पेरिस गये. व्यक्तिगत रूप से सौदे को बदलवाया गया. पूरा भारत इसे जानता है.’ उन्होंने कहा, ‘रक्षा मंत्री कह रही हैं कि वह इस सौदे के बारे में भारत, शहीदों और उनके परिजनों को विमानों के ऊपर व्यय किये गये धन के बारे में जानकारी नहीं देंगी. इसका क्या अर्थ है? इसका यही अर्थ है कि घोटाला हुआ.’

बता दें कि पीएम ने लोकसभा में काफी लंबा भाषण दिया. पीएम ने कांग्रेस पार्टी पर कई सवाल दागे और फिर दोहराया कि देश में वर्तमान में जो भी कमियां हैं उसके लिए एक पार्टी जिम्मेदार है.

पीएम ने कहा कि कांग्रेस के जहर का असर आज भी देश भुगत रहा है. उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार से लेकर विभाजनकारी नीतियां अपनाने के आरोप लगाए. उन्होंने लोकतंत्र के मुद्दे पर भी कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इसी मुद्दे पर संवाददाताओं से कहा था कि सरकार राफेल विमान का मूल्य संसद में भी खुलासा नहीं करना चाहती जिससे उसकी मंशा पर सन्देह पैदा होता है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार राष्ट्रीय हित एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के माफ नहीं किए जाने वाले खेल में लगी है.

भारतीय वायु सेना के लिए लड़ाकू विमान की खरीद में बड़े घोटाले की बू आ रही है.’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा, ‘बड़ी आशंकाएं हैं तथा सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान होने की बात सार्वजनिक स्तर पर ज्ञात है तथा सरकार सत्य बताने से इंकार कर रही है.’

आजाद ने कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और पार्टी प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य राजीव गौड़ा की उपस्थिति वाले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समय आ गया है कि प्रधानमंत्री को राफेल सौदे पर कांग्रेस द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस सौदे पर सरकार ने पूर्ण एवं सोची समझी चुप्पी साध रखी है.

उन्होंने आरोप लगाया कि विमान के खरीद मूल्य में पूरी तरह से अपारदर्शिता रही, रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनिवार्य प्रावधानों का उल्लंघन किया गया और कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति से पूर्व अनुमति नहीं ली गयी. आजाद ने कहा कि सरकार को उन 36 लड़ाकू विमानों के मूल्य का खुलासा करना चाहिए जिनकी प्रधानमंत्री ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान निर्धारित मूल्यों की अनदेखी कर खरीद की.

उन्होंने उपलब्ध सूचना के आधार पर दावा करते हुए कहा कि राजग के शासन काल में यह प्रति विमान 1570.8 करोड़ रूपये में खरीदा गया जबकि संप्रग के समय में इस विमान के लिए 526.1 करोड़ रूपये पर सहमति बनी थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह विमान इसी कंपनी द्वारा कतर को 694.8 करोड़ रूपये में बेचा गया तो यह 100 प्रतिशत अधिक दाम पर भारत को क्यों बेचा गया?’’ सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अनिवार्य रक्षा खरीद प्रक्रिया की अनदेखी कर 36 विमान खरीदने का निर्णय एकपक्षीय ढंग से कैसे कर लिया जबकि उस समय फ्रांस के साथ कोई अंतर सरकारी समझौता नहीं था.

कल रक्षा मंत्री सीतारमण ने राज्यसभा में सपा सदस्य नरेश अग्रवाल के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में भारत एवं फ्रांस के बीच 2008 में हुए समझौते का हवाला देते हुए राफेल सौदे का ब्यौरा बताने से इंकार कर दिया था.

राहुल गांधी के पूछे सवाल

  1.     राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश का मुद्दा उठाया.
  2.     राहुल गांधी ने कहा राफेल डील में कुछ न कुछ गलत हुआ है.
  3.     कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि रोजगार पर विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दिया.
  4.     किसानों की बात, सही दाम देने की बात, कर्जमाफी की बात नहीं की.
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